नागरिकता संशोधन कानून (CAA) सोमवार 11 मार्च, 2024 से देशभर में लागू हो गया है। मोदी सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
नागरिकता कानून में संशोधन बिल दिसंबर 2019 में ही संसद से पास हो गया था। जनवरी, 2020 में राष्ट्रपति से मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन नियम न बन पाने के कारण लागू करने में देरी हुई।
कोई भी कानून बनने के बाद 6 महीने में उसके नियम बनाने होते हैं लेकिन अगर ऐसा न हो पाए तो संसद से समय मांगना पड़ता है। इसके लिए गृह मंत्रालय ने 9 बार एक्सटेंशन की मांग की थी।
नागरिकता संशोधन कानून से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म से जुड़े शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलेगी।
सीएए कानून के मुताबिक ऐसे लोग जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आकर बस गए थे, उन्हें ही भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
भारत की नागरिकता के लिए कम से कम 11 साल तक देश में रहना जरूरी है लेकिन सीएए में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिमों को 6 साल में ही नागरिकता दे दी जाएगी।
नागरिकता संशोधन कानून लागू होते ही 31,313 लोगों को इस कानून के जरिए नागरिकता पाने के योग्य होंगे। 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान-बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिमों की संख्या इतनी ही थी।