सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में मानी जाती है। एस. अश्वथी उन लोगों के लिए एक मिसाल हैं जो मुश्किलों से हार मान लेते हैं।
उन्होंने यूपीएससी में तीन बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी और चौथी कोशिश में 481वीं रैंक हासिल की।
केरल के तिरुवनंतपुरम की अश्वथी ने आठवीं कक्षा में ही तय कर लिया था कि वह आईएएस बनेंगी। उनके पिता दिहाड़ी मजदूर थे और मां गृहिणी।
इंजीनियरिंग के दौरान अश्वथी को टीसीएस में नौकरी मिल गई थी, लेकिन 2017 में उन्होंने नौकरी छोड़ UPSC की तैयारी शुरू कर दी।
पहले तीन प्रयासों उन्हें असफलता मिली लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आखिरकार 2020 में उनका सेलेक्शन हो गया और उन्होंने 481वीं रैंक हासिल की।
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