NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है। उसका कहना है कि दाऊद और सलमान खान की मदद करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। आखिर कौन है लॉरेंस बिश्नोई?
लॉरेंस बिश्नोई का जन्म 12 फरवरी, 1993 को पंजाब के फाजिल्का में एक पुलिस कांस्टेबल के घर हुआ था।
दुनिया भले ही इस गैंगस्टर को लॉरेंस के नाम से जानती है, लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में उसका असली नाम सतविंदर सिंह है।
पंजाब के अबोहर से 12वीं तक की पढ़ाई के बाद लॉरेंस ने चंडीगढ़ के DAV कॉलेज में एडमिशन लिया। यहीं से उसका रुझान स्टूडेंट लीडर बनने की तरफ बढ़ा।
2011 में लॉरेंस बिश्नोई ने कॉलेज में चुनाव लड़ने के लिए एक संगठन बनाया। हालांकि, वो हार गया। लॉरेंस अपनी हार पचा नहीं पाया और जीतने वाले गुट से भिड़ गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कॉलेज में ही लॉरेंस की दोस्ती एक लड़की से हुई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। लेकिन चुनाव हारने के बाद गैंगवार में उसकी गर्लफ्रेंड की हत्या हो गई।
गर्लफ्रेंड की हत्या के गम में लॉरेंस बिश्नोई अंदर ही अंदर टूट गया और इस तरह उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा।
चंडीगढ़ में कॉलेज के दौरान ही उसकी दोस्त गोल्डी बराड़ से हुई। गोल्डी वही है, जिसने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की थी।
लॉरेंस बिश्नोई ने धीरे-धीरे अपना बड़ा गैंग खड़ा कर लिया। कहा जाता है कि उसके गैंग में 700 से ज्यादा पेशेवर शूटर्स हैं। ये पूरा गैंग 2 लोगों लॉरेंस और गोल्डी के कहने पर काम करता है।
लॉरेंस बिश्नोई को 2014 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वो पेशी के लिए ले जाते वक्त फरार हो गया था। इसके बाद 2016 में उसे दोबारा अरेस्ट किया गया। तब से वो जेल में बंद है।