बहुत से लोग बिच्छू देखकर ही डर के मारे कांपने लगते हैं, जैसे सामने यमराज खड़े हों। लेकिन क्या आप जानते हैं बिच्छू का जहर किसी खजाने से कम नहीं है। यह दुनिया का सबसे कीमती जहर है।
बिच्छू के 1 लीटर जहर की कीमत 85 करोड़ रुपए तक होती है। इतनी अधिक कीमत की वजह एक बिच्छू से बेहद कम जहर निकलना और इसे पाने में परेशानी है।
बिच्छू का जहर जुटाने में समय लगता है। यह बहुत खतरनाक काम है। हर बार डर रहता है कि बिच्छू डंक मार सकता है। बहुत से बिच्छू इतने जहरीले होते हैं कि इंसान की जान ले सकें।
बिच्छू से जहर आसान नहीं है। एक बिच्छू से सिर्फ 2 मिलीलीटर जहर निकलता है। इसलिए एक लीटर जहर इकट्ठा करने के लिए हजारों बिच्छू का जहर निकालना होता है।
बिच्छू का जहर बेहद दुर्लभ है। मेडिकल सेक्टर से लेकर कॉस्मेटिक इंडस्ट्री तक में इसकी मांग है। बिच्छू के जहर का इस्तेमाल इसके लिए एंटीवेनम बनाने में भी होता है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस, इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम और मायस्थेनिया ग्रेविस (न्यूरोमस्कुलर रोग) के इलाज में बिच्छू के जहर से बनी दवा का इस्तेमाल होता है।
बिच्छू के जहर को निकालने के बाद इसका पाउडर बनाया जाता है। इस विशेष प्रक्रिया से गुजरने के बाद यह बेहद कीमती प्रोडक्ट बन जाता है।
बिच्छू के जहर का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में होता है। इसमें क्लोरोटॉक्सिन जैसे कुछ घटक पाए जाते हैं। ये खासकर ब्रेन ट्यूमर में कैंसर कोशिकाओं को टारगेट कर सकते हैं।
बिच्छू के जहर में एनाल्जेसिक गुण पाए गए हैं। इससे ओपिओइड-आधारित दर्द निवारक दवाएं बनाई जाती हैं। ये पदार्थ शरीर में दर्द रिसेप्टर्स का काम रोकते हैं, जिससे दर्द कम महसूस होता है।