महापर्व छठ के नहाय-खाय की रस्म पूरी हो गई, आज खरना है। कल डूबते सूर्य को और परसों उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस व्रत में अर्पित किए जाने वाले फल और प्रसाद के महत्व को जानें
सुथनी एक अत्यंत शुद्ध और पवित्र फल है। यह फल छठी मैया और सूर्य देव दोनों को अत्यंत प्रिय है। छठ पूजा में सुथनी चढ़ाने से दीर्घायु, समृद्धि और मानसिक शांति का आशीर्वाद मिलता है।
छठ पूजा में भी सुपारी का उपयोग किया जाता है। इसे शुभता, भक्ति और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। छठ पूजा में सुपारी चढ़ाने से जीवन में शुभता और परिवार में सद्भाव आता है।
छठ पूजा में मिश्रीकंद का विशेष स्थान है। यह फल जीवन में मिठास और सकारात्मकता का प्रतीक है। अपने मीठे स्वाद और पौष्टिक गुणों के कारण, यह फल प्रसाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
छठ पूजा में शकरकंद को भी शामिल किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि शकरकंद चढ़ाने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और घर में स्वास्थ्य और समृद्धि आती है।
छठ पूजा में नारियल चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि छठी मैया को नारियल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और घर में धन-समृद्धि बढ़ती है।
केला सबसे पवित्र फलों में से एक माना जाता है। धार्मिक शास्त्रों में कहा गया है कि केले में भगवान विष्णु का वास होता है। छठी मैया की पूजा में केले चढ़ाने से सुख-समृद्धि आती है।
छठ पर्व में गन्ने का विशेष महत्व होता है। छठ पूजा के दौरान गन्ने से एक छत्र बनाकर उसके नीचे दीपक जलाया जाता है। यह कोसी भरने की रस्म का एक हिस्सा है।
डाभ नींबू, छठी मैया का प्रिय फल है। ऐसा माना जाता है कि यह एक सच्चा फल है, इसलिए इसे छठी मैया की पूजा में चढ़ाना शुभ माना जाता है।