हनुमान चालीसा का पाठ करते समय वस्त्र एकदम साफ-सुथरे होने चाहिए। अगर संभव हो तो लाल कपड़े पहनकर हनुमान चालीसा का पाठ करने से विशेष लाभ होता है।
पूजा पाठ करते समय आसन का विशेष महत्व माना गया है। हनुमान चालीसा का पाठ करते समय कुशा का आसन हो तो ठीक रहता है। कुशा एक विशेष प्रकार की घास होती है।
हनुमान चालीसा का पाठ या तो हनुमानजी के मंदिर में बैठकर करें या किसी एकांत स्थान पर। जहां भी ये काम करें, वो पूरी तरह से साफ और स्वच्छ होना चाहिए।
वैसे तो हनुमान चालीसा का पाठ 1 बार भी कर सकते हैं, लेकिन आपके पास समय हो तो कम से कम 7 बार पाठ करना चाहिए। इससे जल्दी ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
अस्वच्छ अवस्था में कभी-भी हनुमान चालीसा का पाठ न करें। मतलब बिना स्नान किए या किसी अपवित्र स्थान से आकर अथवा किसी अपवित्र वस्तु को छूकर। इससे अशुभ फल मिल सकते हैं।
हनुमान चालीसा का पाठ करते समय दूसरी बातों पर ध्यान न दें यानी किसी तरह का कोई विचार मन में न लाएं और न ही आस-पास की बातों पर ध्यान दें।
अगर किसी एकांत स्थान पर हनुमान चालीसा का पाठ करना हो तो वहां पहले शुद्ध घी का दीपक अवश्य जलाएं। ये दीपक पाठ के दौरान सतत रूप से जलते रहना चाहिए।