दिवाली 31 अक्टूबर, गुरुवार को है। इस दिन लक्ष्मी पूजा के समय दीपक भी जलाए जाते हैं। धर्म ग्रंथों में दीपक जलाने का एक मंत्र भी बताया गया है। जानें इस मंत्र से जुड़ी खास बातें…
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा में वैसे तो अनेक दीपक जलाए जाते हैं, लेकिन एक दीपक मुख्य होता है जो अन्य दीपकों से थोड़ा बड़ा होता है और इसमें तेल के स्थान पर शुद्ध घी डाला जाता है।
ये बड़ा दीपक देवी लक्ष्मी के चित्र या मूर्ति के ठीक सामने रखा जाता है जो रात भर जलता रहता है। अगले दिन लक्ष्मी प्रतिमा के विसर्जन के बाद ही इसे अपने स्थान से हटाया जाता है।
पूजा करते समय सबसे पहले इसी मुख्य दीपक को जलाते हैं। इसे जलाते समय ये मंत्र बोलें-
शुभं करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्, शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते।
ऊपर बताए गए मंत्र का अर्थ है कि ‘शुभ और कल्याण करने वाली, अच्छी सेहत और धन-संपदा देने वाली, शत्रु बुद्धि का विनाश करने वाली दीपक की ज्योति को मेरा नमस्कार है।
लक्ष्मी पूजन में मुख्य दीपक जलाते समय ये मंत्र बोलने से आप पर देवी लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी और घर में सुख-समृद्धि और शांति रहेगी। जीवन में शुभ फल भी प्राप्त होंगे।