इस बार अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर को है। इसी दिन गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। प्रतिमाओं का विसर्जन करते समय कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए…
गणेश जी की प्रतिमाओं का विसर्जन पूरे सम्मान और आदर के साथ करें। उन्हें नदी या तालाब में जोर से फेकें नहीं। इससे देवता का अपमान होता है और इसके दुष्परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं।
श्रीगणेश को 10 दिनों तक चढ़ाई गई पूजन सामग्री का भी विसर्जन नदी-तालाब में कर देना चाहिए। धर्म ग्रंथों में पूजन सामग्री को भी पूजनीय माना गया है। इसे भी सम्मान पूर्वक विसर्जित करें।
कुछ लोग घर में ही गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन करते हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इस मिट्टी में तुलसी का पौधा न लगाएं क्योंकि तुलसी श्रीगणेश की पूजा में निषेध मानी गई है।
गणेश विसर्जन के दौरान कईं युवा शराब या अन्य प्रकार का नशा करते हैं, ऐसा भूलकर भी करें। पूजा-पाठ के दौरान नशा करने से पवित्रता भंग होती है और भविष्य में इसके अशुभ फल मिलते हैं।
गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन साफ नदी या तालाब में करें किसी अपवित्र स्थान पर इनका विसर्जन न करें। ऐसा करने से आपकी जीवन में कईं तरह की परेशानियां शुरू हो सकती हैं।