16 अगस्त को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पूरे देश में मनाया जाएगा। इस मौके पर भक्त श्रीकृष्ण के सुंदर स्वरूपों के दर्शन करना चाहते हैं। आगे देखें कान्हा की 10 सुंदर तस्वीरें…
धर्म ग्रंथों के अनुसार, द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। कुंडली और पंचांग के हिसाब से साल 2025 में भगवान श्रीकृष्ण का 5252वाँ जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
श्रीमद्भागवत के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अर्ध रात्रि में यानी लगभग 12 बजे हुआ था। उस समय रोहिणी नक्षत्र था।
श्रीमद्भागवत के अनुसार श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के आठवे अवतार थे। धर्म ग्रंथों में भगवान श्रीकृष्ण के पूर्ण ईश्वर कहा गया है क्योंकि उनमें भगवान विष्णु के सभी गुण विद्यमान थे।
श्रीमद्भावगत के अनुसार कंस का वध करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण शिक्षा प्राप्त करने के लिए उज्जयिनी यानी वर्तमान उज्जैन आए और यहां गुरु सांदीपनि से शिक्षा प्राप्त की।
कंस का ससुर जरासंध बार-बार मथुरा पर हमला करता था, जिससे वहां रहने वाले लोगों को परेशानी होती थी। मथुरावासियों की भलाई के लिए श्रीकृष्ण ने मथुरा छोड़ द्वारिका नगरी बसाई।
श्रीमद्भागवत के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र सांब का विवाह दुर्योधन की पुत्री लक्ष्मणा से हुआ था। यानी दुर्योधन भगवान श्रीकृष्ण का समधी था, ये बात पूरी तरह सच है।
इस बार वृंदावन और मथुरा में जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त, शनिवार को ही मनाया जाएगा क्योंकि अष्टमी तिथि का सूर्योदय इसी दिन होगा और पूरे दिन भी यही तिथि रहेगी।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा के अनुसार, 16 अगस्त, शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव रात्रि में मनाया जाएगा। इसका शुभ मुहूर्त रात 11.45 से 12.08 तक रहेगा।