‘नौकरी और परिवार में से किसी 1 को कैसे चुनना हो तो क्या करें?’ ये प्रश्न वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने पूछा। आगे जानें इस प्रश्न का क्या उत्तर दिया बाबा ने…
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘जैसे हम दो पैरों से ही ठीक से चल सकते हैं, दोनों आंखों से ही ठीक से देख सकते हैं, उसी तरह हमारे लिए नौकरी और परिवार दोनों ही जरूरी है।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘अगर हम नौकरी छोड़ सिर्फ परिवार का ध्यान रखें तो इससे हमारी दुर्गति होगी और अगर सिर्फ नौकरी के बारे में सोचेंगे तो ये स्थिति परिवार के लिए ठीक नहीं है।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘जब अर्जुन परिवार के मोह में युद्ध छोड़कर भिक्षा मांगकर भी जीवन गुजारने को तैयार हो गए थे, तब श्रीकृष्ण ने उन्हें कर्तव्य का पाठ पढ़ाया।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘चूंकि आप गृहस्थ धर्म में है, इसलिए आप परिवार-नौकरी का त्याग नहीं कर सकते। इसलिए आप अपना हर काम भगवान की पूजा समझकर करें।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘नौकरी हो या बिजनेस, दोनों ही भगवान को अर्पित करें और समय मिले तो भगवान के नाम का जाप करते रहें, इसी से आपको जीवन में आनंद आएगा।’