क्यों होता है सूर्यग्रहण? जानें अलग-अलग देशों की ‘अजीब’ मान्यताएं
Spiritual Oct 14 2023
Author: Manish Meharele Image Credits:Getty
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सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को
14 अक्टूबर, शनिवार को साल का अंतिम सूर्यग्रहण होगा। भारत में ग्रहण को लेकर कईं मान्यताएं हैं। इसी तरह की मान्यताएं विदेशों में भी है। आगे जानिए सूर्यग्रहण को लेकर विदेशी मान्यताएं…
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मेढ़क निगल जाता है सूर्य को
वियतनाम में सूर्यग्रहण को लेकर मान्यता है कि एक बड़ा मेढ़क सूरज को निगल जाता है, जिसके कारण ब्रह्मांड में अंधेरा हो जाता है। ये मेढ़क बहुत बलशाली और बुरी शक्तियों का स्वामी है।
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लोगों से नाराज हैं भगवान
ग्रीक के लोग मानते हैं कि जब भगवान लोगों पर नाराज हो जाते हैं तब सूर्यग्रहण होता है। ये ग्रहण प्राकृतिक आपदाओं का संकेत भी देता है। इसलिए वहां ग्रहण को अशुभ माना जाता है।
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2 ग्रहों की लड़ाई से होता है ग्रहण
पश्चिम अफ्रीका का एक देश है टोगो। यहां के लोग मानते हैं कि जब दो ग्रह आपस में लड़ते हैं तब सूर्यग्रहण होता है। ऐसा होना अशुभ होता है और देश में युद्ध के हालात बनते हैं।
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आत्माओं के कारण होता है ग्रहण
ब्राजील के जंगलों में रहने वाली जनजाति के लोग मानते हैं कि सूर्यग्रहण बुरी आत्माओं के कारण होता है। इस समय ये लोग काम छोड़कर अपने-अपने घरों में बंद हो जाते हैं।
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राहु-केतु के कारण होता है ग्रहण
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, राहु और केतु द्वारा सूर्य को निगलने के कारण संसार में अंधकार हो जाता है, इसे ही सूर्यग्रहण कहते हैं। इस समय देवताओं की शक्तियां कमजोर हो जाती हैं।
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एक मान्यता ये भी
कुछ देशों में मान्यता है कि ग्रहण के समय बुरी आत्माएं जीवाणु के रूप में बाहर आती हैं और मनुष्यों पर अटैक करती हैं। इसी कारण ग्रहण काल में खाना बनाने और खाने की मनाही होती है।