भारतीय फुटबॉल टीम को नए मुकाम तक पहुंचने वाले कप्तान सुनील छेत्री ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है। वह 6 जून को कुवैत में अपना आखिरी मुकाबला खेलेंगे।
छेत्री ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा- मैं कुछ कहना चाहता हूं। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
3 अगस्त 1984 को आंध्र प्रदेश के सिकंदराबाद में जन्मे सुनील छेत्री के पिता एक आर्मी ऑफिसर थे और उनकी मां सुशीला भी नेपाल की नेशनल फुटबॉल टीम के लिए खेला करती थीं।
आर्मी बैकग्राउंड से होने के कारण सुनील छेत्री को देशभर में अलग-अलग जगह रहने का मौका मिला और उनके स्कूल बदलते रहे, लेकिन उन्होंने अपने स्कूली समय से ही फुटबॉल खेलना जारी रखा।
16 साल की उम्र में सुनील छेत्री दिल्ली के स्कूल में दाखिला लेने के लिए गए। इस दौरान 2001 में कुलालंपूर में एशियाई स्कूल चैंपियनशिप में खेलने के लिए उन्हें भारतीय टीम से मौका मिला।
सुनील छेत्री ने 12 जून 2005 में सीनियर भारतीय फुटबॉल टीम में डेब्यू किया और उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला गोल किया। वह भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं।
सुनील छेत्री भारतीय फुटबॉल टीम के लिए सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी है। उन्होंने अपने करियर में 252 गोल किए हैं। वहीं, 84 इंटरनेशनल मैच में उनके नाम 129 गोल है।
साल 2011 में सुनील छेत्री को Saff चैंपियनशिप खिलाड़ी के रूप में सम्मानित किया गया था। इतना ही नहीं वो 2007, 2011, 2013, 2014 और 2017 में 5 बार AIFF प्लेयर ऑफ द ईयर भी बने हैं।
इंटरनेशनल क्रिकेट में क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी के साथ सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ियों में सुनील छेत्री का नाम शामिल है।
भारतीय फुटबॉल टीम के लिए उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने 2011 में उन्हें दूसरे सबसे बड़े खेल सम्मान अर्जुन पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया था।