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राष्ट्रपति को छूकर हीरबाई उन्हें चूमना चाहती थीं

हीरबाई को सिद्दी कम्युनिटी के बच्चों और महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने और एजुकेशन पहुंचाने के लिए ये अवार्ड मिला है

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हीरबाई PM मोदी के सामने से गुजरीं, तो दुआएं दीं

हीरबाई को अफसरों ने बताया था कि प्रोटोकॉल के तहत राष्ट्रपति को नहीं छूना है, लेकिन उनका मन नहीं माना

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हीरबाई ने राष्ट्रपति के कंधे पर हाथ रखकर उन्हें बहन कहा

हीरबाई लोबी के घुटनों में दर्द रहता है, वे ठीक से चल-फिर नहीं सकतीं, फिर भी सक्रिय रहती हैं

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हीरबाई अवार्ड लेने गईं, तब भी नए कपड़े नहीं सिलवाए

पद्मश्री लेने के लिए जाते समय भी हीरबाई ने क्रीम-पाउडर नहीं लगाया था

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हीरबाई मुकेश अंबानी के साथ मंच शेयर कर चुकी हैं

जूनानगढ़ के नवाब ने उनके बाप-दादा को गुजर-बसर करने जमीनें दी थीं

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हीरबाई गुजराती के अलावा दूसरी भाषा नहीं जानतीं

हीरबाई जब पैदा हुईं, तो मां गुजर गईं, 12 साल की उम्र में पिता कैंसर से मर गए थे

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हीरबाई सिद्दी कम्युनिटी से हैं, जो अफ्रीका से आई थी

हीरबाई की पोती नरगिस ग्रेजुएशन कर रही है, यह उनके ही प्रयासों का नतीजा है

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सिद्दी कम्युनिटी को जूनानढ़ के नवाब रेलवे लाइन बिछवाने लाए थे

हीरबाई 1995 में आगा खान फाउंडेशन से जुड़ीं और फिर उनकी यात्रा चल पड़ी

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