उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के साथ ही एक से अधिक शादियों पर प्रतिबंध लग गया है। लेकिन यहां कुछ जातियां ऐसी भी हैं। जिनमें एक से अधिक शादी की परंपरा है।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू हो गया है। जिसके चलते सभी के लिए एक जैसा कानून होगा। ऐसे में मुस्लिम समुदाय को भी एक से ज्यादा शादी की इजाजत नहीं होगी।
उत्तराखंड में कई जातियां ऐसी हैं जिनमें एक से अधिक विवाह की परंपरा है। जिसमें भोटिया, जौनसारी, थारू, राजी, बुक्सा जनजातियां हैं। इनमें एक से अधिक विवाह की परंपरा है।
उत्तराखंड के देहरादून क्षेत्र में जौनसारी जनजाति के लोगों में पॉलीऐन्ड्री विवाह की परंपरा है। जिसमें महिलाएं एक से अधिक पुरुषों से शादी करती है।
यूसीसी के अंतर्गत उत्तराखंड की जौनसारी, थारू, राजी, बुक्सा, भोटिया जनजातियों को बाहर रखा गया है। इस कारण ये जातियां अपनी एक से अधिक विवाह की परंपरा को जारी रख सकेंगे।
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में भोटिया जनजाति के लड़के लड़कियां अपनी मर्जी से शादी करते हैं। कई लड़के लड़कियां तो बगैर शादी के भी एक दूसरे के साथ रहने लगते हैं।
उत्तराखंड में थारू जनजाति में महिलाओं के एक से अधिक पति होते हैं। इस जाति की महिलाओं को अधिक अधिकार मिले हैं। ऐसे में ये जाति भी यूसीसी के दायरे से बाहर है।