Madhya Pradesh

मकर सक्रांति MP नर्मदा-क्षिप्रा में लगाएं डूबकी, धूल जाएंगे सारे पाप

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क्यों करते हैं स्नान और दान

मकर सक्रांति पर स्नान और दान का काफी महत्व है। इस कारण श्रद्धालु इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करते है। फिर दान करते हैं।

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15 को मनेगी सक्रांती

देशभर में इस बार मकर सक्रां​ति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन सुबह उठकर स्नान कर पूजा अर्चना के बाद दान पुण्य किया जाएगा।

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पवित्र नदियों में स्नान

मकर सक्रांती के दिन गंगा, जमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व रहता है। इसलिए श्रद्धालु दूर दूर से गंगा स्नान करने जाते हैं।

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नर्मदा और क्षिप्रा में स्नान

मध्यप्रदेश में मकर सक्रांती के दिन नर्मदा और क्षिप्रा में स्नान करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। क्योंकि ये दोनों प्रमुख नदिया एमपी में हैं।

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सूर्य देव की पूजा

मकर सक्रांती पर सूर्य देव की पूजा की जाती है। इसलिए पहले स्नान किया जाता है। फिर पूजा अर्चना कर तिल, गुड़ आदि का दान किया जाता है।

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धूल जाते हैं सारे पाप

कहा जाता है कि मकर सक्रांती के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सारे पाप धूल जाते हैं। यही कारण है कि इस दिन विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।

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ठंड में रखे सेहत का ध्यान

प्रदेश में इस समय ठंड काफी अधिक है। इसलिए आप जहां भी स्नान करें सेहत का ध्यान जरूर रखें।

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15 जनवरी को सक्रांति

पंडितों की माने तो 15 जनवरी की रात 2 बजकर 43 मिनट पर सूर्यदेव धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसी दिन मकर सक्रांति मनाई जाएगी।

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इन नदियों पर रहेगी भीड़

मकर सक्रांति पर अमरकंटक, जबलपुर, नर्मदापुरम, नेमावर, ओंकारेश्वर आदि स्थानों पर नर्मदा और उज्जैन में क्षिप्रा में लाखों लोग स्नान करेंगे।

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खुल जाता है स्वर्ग का द्वार

कहा जाता है कि मकर सक्रांति के दिन स्वर्ग का द्वार खुल जाता है। भीष्म पितामाह ने भी बाणों की शैया पर लेटर उत्तरायण होने पर अपनी देह का त्याग किया था।

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