हादसा श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हुआ था
पूजा के दौरान मंदिर की बावड़ी पर रखे पत्थर अचानक से टूट गए थे
20-25 साल पहले मंदिर के नवनिर्माण की योजना बनी थी
बावड़ी में मलबा भरवाने की बजाय उस पर फर्शियां रखवा दी थीं
बावड़ी के पास दो साल पहले नया कंस्ट्रक्शन वर्क शुरू हुआ था
नगर निगम ने नवनिर्माण को अवैध बताया, पर एक्शन नहीं लिया
ज्यादातर लोगों को नहीं पता था कि वे बावड़ी पर खड़े हैं
रामनवमी पर मंदिर में हवन-पूजन रखा गया था
हादसे में 40 से ज्यादा लोग बावड़ी में गिर गए थे
आशंका है कि बावड़ी को चूहों ने कमजोर कर दिया होगा