अजमेर संभाग में स्थित देवमाली गांव को देश का सर्वश्रेष्ठ टूरिस्ट विलेज घोषित हुआ। ये गांव अपनी अनूठी परंपराओं, स्वच्छता और मिट्टी के मकानों के लिए प्रसिद्ध है। जाने अन्य विशेषताएं
देवमाली गांव को विशेष सम्मान पर्यटन मंत्रालय द्वारा दिया गया है। आज दिल्ली में आयोजित एक समारोह में इस गांव को बेस्ट टूरिस्ट विलेज का अवार्ड दिया गया है।
देवमाली गांव ब्यावर जिले के मसूदा उपखंड में बसा हुआ है और इसे भगवान देवनारायण के नाम पर जाना जाता है। यहां की जमीन का स्वामित्व भगवान के पास माना जाता है।
जिससे गांववासियों के पास खुद की जमीन का पट्टा नहीं है। गांव में आज भी मिट्टी के मकान बनाए जाते हैं, जो ऊंचाई से देखने पर एक समान नजर आते हैं।
इस गांव की कुल आबादी करीब 500 है, और यहां भगवान देवनारायण की पूजा विशेष रूप से की जाती है। ग्रामीण आज भी उन चार नियमों का पालन करते हैं जो गांव की स्थापना के समय बने थे।
पक्के मकान बनाना यहां मना है और लोग कच्चे मकानों में रहना पसंद करते हैं। यहां कोई भी नॉनवेज नहीं खाता, शराब नहीं पीता है। नीम की लकड़ी जलाना एवं केरोसिन यूज भी प्रतिबंधित है।
हालांकि, गैस की उपलब्धता के बावजूद महिलाएं पारंपरिक चूल्हे पर खाना बनाना पसंद करती हैं, क्योंकि उनका मानना है कि गैस के इस्तेमाल से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ गई थीं।
देवमाली की सुंदरता ने इसे बॉलीवुड का भी आकर्षण बना दिया है। हाल ही में, अक्षय कुमार ने यहां अपनी फिल्म "जॉली एलएलबी 3" की शूटिंग की।
देवमाली, अपनी अनूठी संस्कृति और रहन-सहन के लिए न केवल पर्यटकों के लिए बल्कि फिल्म उद्योग के लिए भी एक नई पहचान बन चुका है।
यहां की परंपराएं और स्वच्छता इस गांव को खास बनाते हैं, और यह अन्य क्षेत्रों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।