जिस जेसीबी और ट्रैक्टर का उपयोग निर्माण कार्यों में होता है। उसी से राजस्थान में चूरमा बनाया जा रहा है। आईये जानते हैं ऐसा क्यों हो रहा है। मेले में 2.50 लाख लोग आने की संभावना है।
राजस्थान के कोटपूतली इलाके के कुहाड़ा गांव में छापाला भैरू महाराज का मेला लगेगा। भैरू महाराज को चढ़ाने के लिए ही चूरमा तैयार किया जा रहा है। जो भक्तों को बांटा जाएगा।
चूरमा पिछले सात दिनों से तैयार हो रहा है। इसलिए अधिक समय लग रहा है। क्योंकि ये 51000 किलो का चूरमा बन रहा है।
चूरमा तैयार करने के लिए कोई कीचन या रसोई नहीं बल्कि 50 बीघा का खेत उपयोग में लिया जा रहा है।
इस चूरमे का भोग भैरू महाराज को 30 जनवरी को लगाया जाएगा। इसके बाद यह भक्तों में बांटा जाएगा। यहां राजस्थान एमपी सहित अन्य प्रदेशों से भक्त आएंगे।
चूरमा बनाने के लिए 150 क्विंटल आटा, 80 क्विंटल सूजी और 700 किलो दूध सहित अन्य ड्राई फ्रूट का उपयोग किया जा रहा है।
चूरमे को मिक्स करने के लिए थ्रेशर मशीन का उपयोग किया जा रहा है। थ्रेशर मशीन का उपयोग अक्सर खेती के लिए किया जाता है।