आपको बता दें कि जिस तरह महाकुंभ में नागा साधु कठोर तप और साधना करते हैं, उसी तरह महिला नागा साधुओं को भी महाकुंभ के दौरान कई कठिनाइयों और नियमों का पालन करना पड़ता है।
महिला नागा साधुओं को भी कई कठोर परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है और फिर महाकुंभ में उनकी तपस्या पूरी होती है।
ऐसे में हर किसी के मन में सवाल है कि अगर महाकुंभ के दौरान किसी महिला साधु को मासिक धर्म आता है तो क्या वह स्नान करती हैं या नहीं?
क्या महिलाएं पीरियड्स के दौरान नदी में स्नान करती हैं? अगर महिला नागा साधुओं को महाकुंभ के दौरान गंगा स्नान या अमृत स्नान के दौरान पीरियड्स आते हैं क्या करते हैं।
ऐसी स्थिति में उन्हें हाथ में गंगा जल लेकर अपने शरीर पर छिड़कने की अनुमति होती है। ऐसा माना जाता है कि महिला नागा साधु ने गंगा स्नान कर लिया है।
हालांकि, उन्हें गंगा तट पर जाने की अनुमति नहीं होती। वे सिर्फ अपने शिविर में रहती हैं और वहीं पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करती हैं।
महिला नागा साधु पीरियड्स के दौरान साधना नहीं कर सकती हैं, इसलिए वे मानसिक जाप करती हैं। महिला नागा साधुओं का जीवन पुरुष नागा साधुओं से काफी अलग होता है।
इनके नियम, जीवनशैली और परंपराएं पुरुष नागा साधुओं से कहीं अधिक कठिन हैं। महिला नागा साधु भगवा वस्त्र पहनती हैं, जो बिना सिले होते हैं।