देश में रक्षाबंधन के पर्व की धूम है और बहन अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर लंबी उम्र की कामना करती है। रक्षाबंधन त्योहार को लेकर एक किवदंती यूपी के जालौन से भी जुड़ी हुई हैं।
जालौन के लंका मीनार में अगर भाई-बहन एक साथ जाएं तो पति-पत्नी के बंधन से बंध जाते हैं। ऊपर जाने के लिए सीढ़ियों से चढ़ना पड़ता है। जहां 7 फेरों के रूप में चक्कर लगाने पड़ते हैं।
जालौन के कालपी में मौजूद 210 फीट ऊंची लंका मीनार है।
लंका मीनार को तैयार होने में 20 साल से ज्यादा का वक्त लगा था। यहां भाई-बहनों का प्रवेश वर्जित है।
दिल्ली के कुतुब मीनार के बाद लंका मीनार सबसे ऊंची मीनार है। बुंदेलखंड के प्रवेश द्वार कालपी में स्थित मीनार के अंदर रावण के पूरे परिवार के चित्र बनाए गए हैं।
1857 में मथुरा प्रसाद नाम के एक व्यक्ति ने बनवाई थी। मथुरा प्रसाद ने रावण की याद में इस मीनार का निर्माण करवाया था। इस वजह से लंका मीनार रखा गया।
लंका मीनार वैसे तो ज्यादा बड़ी नहीं है, लेकिन अपनी अजीबो-गरीब मान्यता की वजह से ये जगह एक टूरिस्ट स्पॉट में बदल चुकी है।
लंका मीनार को बनाने में 1857 के वक्त 2 लाख रूपये का खर्चा आया था।
कुंभकरण और मेघनाथ की बड़ी मूर्तियां भी स्थापित की गई है लंका मीनार में। कुंभकरण की मूर्ती 100 फीट ऊंची है, तो वहीं मेघनाथ की मूर्ती 65 फीट है।
रावण का बड़ा सा चित्र लंका मीनार पर बनाई गई है। जिसमें उसे दस सिर के साथ दिखाया गया है।