UP के ताजमहल में बंदरों के आतंक से टूरिस्ट परेशान हैं ही, सिक्योरिटी पुलिस भी इनसे मुक्ति का रास्ता खाेज रही थी, जो अब मिल गया है। यहां जानें पुलिस ने कौन सा नायाब तरीका ढूंढा है।
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लगाई जाएंगी ये स्पेशल मशीनें, जिन्हें देख भाग खड़े होंगे बंदर
ताज सिक्योरिटी पुलिस ने बंदरों से हमले से बचने के लिए अल्ट्रासोनिक मशीनें लगाने का फैसला किया है। ये मशीनें ताजमहल के अलग-अलग जगहों पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत लगाई जाएंगी।
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कितना एरिया कवर करेगी एक मशीन?
हर मशीन लगभग 350 वर्ग मीटर का क्षेत्र कवर करेगी और ये बंदरों को भगाने के लिए साउंड वेव का इस्तेमाल करेंगी। हाल के दिनों में, ताजमहल परिसर में बंदरों के हमले बढ़ गए हैं।
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अक्सर पर्यटकों पर कर देते हैं बंदर हमला
बंदर अक्सर पर्यटकों को काट लेते हैं या सामान छीन लेते हैं, जिससे सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। इन समस्याओं से निपटने के लिए ताज सिक्योरिटी पुलिस ने ये निर्णय लिया है।
पुलिस ने 15 अल्ट्रासोनिक मंकी रिपेलर मशीनें मंगवाई हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 5 लाख रुपये है। इन मशीनों को उन 15 इलाकों में लगाया जाएगा, जहां बंदरों का आतंक ज्यादा रहता है।
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पर्यटकों को सुनाई देगी मशीनों की आवाज
ACP अरीब अहमद ने बताया कि इन मशीनों से निकलने वाली साउंड वेव पर्यटकों को सुनाई नहीं देंगी, सिर्फ बंदरों को महसूस होगी, जिससे वे उन जगहों पर नहीं आएंगे, जहां ये मशीनें लगाई गई हैं।
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आगरा में नगर निगम ने 6 महीने में पकड़ चुका है 450 बंदर
आगरा में नगर निगम ने पिछले 6 महीने में ताजमहल के आसपास से 450 बंदर पकड़े, लेकिन फिर भी इनका आतंक कम नहीं हुआ। पहले शिमला नगर निगम ने 2015 में इसी तरह की मशीनों का यूज किया था।