नोएडा की 600 से ज्यादा पुरानी और जर्जर इमारतों को दोबारा बनाया जाएगा, रहवासियों को रेंट देने की जरूरत नहीं होगी।
मुंबई की तर्ज पर इस योजना को लागू किया जाएगा, जहां पुराने मकानों को तोड़कर नई तकनीक से दोबारा बनाया जाएगा।
नई बिल्डिंग में रहने वालों को पुराने घरों की तुलना में 15% तक ज्यादा स्पेस मिलेगा, जिससे उनका रहन-सहन बेहतर होगा।
शुरुआत में लगभग 600 इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट किया जा रहा है, जिनका निर्माण दोबारा किया जाएगा।
रिहायश के दौरान लोगों को कहीं शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन उन्हें रेंट खुद नहीं देना होगा, इसका खर्च अथॉरिटी देखेगी।
बिल्डरों को FAR (फ्लोर एरिया रेशियो) में छूट मिल सकती है, जिसे 1.5 से बढ़ाकर 2.75 करने की बात चल रही है।
70% रेजिडेंट्स की मंजूरी मिलने पर कोऑपरेटिव और प्राइवेट सोसायटी आवेदन कर सकेंगी, इसी आधार पर योजना लागू होगी।
इस योजना में वही इमारतें आएंगी जो 30 साल से ज्यादा पुरानी हों और जिनका स्ट्रक्चरल ऑडिट ‘unsafe’ बताए।
नोएडा की ये योजना ना केवल सुरक्षा बढ़ाएगी बल्कि निवासियों को आधुनिक और अधिक सुविधाजनक घर भी प्रदान करेगी।
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