आज पूरा देश मकर संक्रांति मना रहा है। नीले आसमान में हर तरफ छोटे-बड़े पतंग (Kite) उड़ रहे हैं। भारत के अलग-अलग इलाकों में पतंग को अलग-अलग नाम से जानते हैं।
उत्तर भारत में कागज की समतल पतंगें बनती हैं। छोटी पतंगों को अद्धा या पौवा और बड़ी पतंगों को ढउका कहा जाता है।
कई इलाकों में बड़ी पतंगों को चंग और ज्यादा लंबी पतंगों को तुक्कल कहते हैं। वहीं, चिकने कागज से बनी पतंगें ढेप कहलाती हैं।
यूपी की राजधानी लखनऊ में पतंग को पतंग ही कहते हैं, वाराणसी में गुड्डी और कुछ अन्य इलाकों में पतंग ही कहा जाता है। बिहार में पटना समेत ज्यादातर इलाकों में इसे तिलंगी कहा जाता है।
दिल्ली और जयपुर जैसी जगहों पर इसे पतंग ही कहा जाता है।
पंजाब, हरियाणा के चंडीगढ़ समेत ज्यादातर इलाकों में पतंग को गुड्डी कहते हैं।
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात और महाराष्ट्र में पतंग को इसी नाम से जानते हैं। कन्नी, धागा, मांझा और फिरकी जैसे शब्दों को इस्तेमाल इसमें यूज होने वाली बाकी चीजों को कहते हैं।