24 सितंबर 2024 को Mangalyaan की सक्सेस के 10 साल पूरे हो रहे हैं। इस अभियान ने इसरो की प्रतिष्ठा को आसमान पर पहुंचा दिया था।
सोवियत संघ ( रूस), नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी के बाद भारत दुनिया का चौथा और एशिया का पहला देश है जिसने मंगल की कक्षा में प्रवेश किया था।
मंगल ग्रह सूर्य से चौथा प्लेनेट है। पृथ्वी का नजदीकी प्लेनेट होने की वजह से इसमें जीवन की संभावनाएं सबसे ज्यादा हैं।
मंगल ग्रह की भूपर्टी पर लाल रंग से सराबोर है, ये आयरन ऑक्साइड ( जंग) से बनी धूल है।
मंगल ग्रह का रेडियस पृथ्वी का आधा है, इसका आयतन (volume) अर्थ का छठे भाग से भी कम है।
मंगल ग्रह पर एक दिन 24 घंटे 37 मिनट का होता है। वहीं पृथ्वी पर एक दिन 24 घंटे 3 मिनट का होता है।
पृथ्वी की ही तरह मंगल प्लेनेट पर भी साल में चार मौसम होते हैं। मंगल ग्रह पर ग्रेविटी पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण की एक तिहाई है। इस वजह से यहां बहुत झीना वायुमंडल है।
सूर्य की परिक्रमा करने में मंगल ग्रह को पृथ्वी से लगभग दोगुना समय लगता है। सौरमंडल के सबसे बड़े ज्वालामुखी ओलंपस मोन्स की मौजूदगी मंगल ग्रह पर है।
पृथ्वी पर एक तो मंगल के दो चंद्रमा हैं, जिनके नाम फ़ोबोस और डेमोस हैं।
मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं सबसे ज्यादा है। इसकी सतह पर बर्फ़ की मौजूदगी है।