चीन के पड़ोसी देश ताइवान में 3 अप्रैल को भीषण भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर 7.5 तीव्रता वाले इस भूकंप के झटके जापान और फिलीपींस तक महसूस किए गए।
भूकंप का केंद्र पूर्वी ताइवान का हुलिएन शहर में जमीन से 34 किलोमीटर अंदर था। भारतीय समय के मुताबिक, भूकंप सुबह 5:30 बजे आया।
इस भूकंप के चलते ताइवान में कई जगह जमीन धंस गई। इसके साथ ही राजधानी ताइपे स्थित कई बड़ी इमारतें ताश के पत्तों की तरह बिखर गईं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ताइवान में अब तक 100 से ज्यादा आफ्टरशॉक आ चुके हैं। इसे ताइवान में 25 साल में आने वाला सबसे खतरनाक भूकंप बताया जा रहा है।
इससे पहले ताइवान में 1999 में 7.6 तीव्रता का भूंकप आया था। उस वक्त 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, जबकि लाखों लोग घायल हुए थे।
भूकंप के बाद ताइवान की एक टनल में 77 लोगों के फंसे होने की खबर है। इस टनल का रास्ता बंद हो गया है। फिलहाल लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
इसके अलावा भूकंप के चलते ताइवान के 90 हजार से ज्यादा घरों में बिजली नहीं है। वहीं, देश के कई बड़े पावर प्लांट को भी नुकसान पहुंचा है।
भूकंप में सबसे ज्यादा नुकसान राजधानी ताइपे और हुलिएन शहर में हुआ। यहां 26 इमारतें जमींदोज हो गईं।
कई इमारतों के मलबे में लोग अब भी फंसे हुए हैं। ऐसे में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है।