आज वॉल्ट डिज्नी कंपनी अंतरराष्ट्रीय मनोरंजन उद्योग की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। वॉल्ट और रॉय ने डिज्नी ब्रदर्स कार्टून स्टूडियो नाम से 1923 को यह कंपनी बनाई थी।
उन्होंने सबसे पहले कैनसस सिटी थिएटर के साथ एग्रीमेंट किया था कि वह वॉल्ट की सात मिनट की परी कथाएं अपने पर्दे पर दिखाएगा।ये परीकथाएं लाइव एक्शन और एनिमेशन का मिश्रण थीं।
हालांकि, यह परीकथाएं उतनी नहीं चलीं और उन पर भारी कर्ज चढ़ गया। कर्ज उतारने के लिए उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर हॉलिवुड में ‘डिज्नी ब्रदर्स स्टूडियो’ खोल लिया।
मई 1928 में मिकी माउस ने न केवल वॉल्ट डिज्नी को पहचान दिलाई, बल्कि ऐसी सक्सेस स्टोरी लिखी कि पूरी दुनिया आज भी देख रही है।
वॉल्ट जब कैंसास स्टूडियो में बैठे थे, तभी उनके टेबल पर एक चूहा चढ़ गया था। उसकी हरकतें देखकर ही उन्होंने मिकी बनाया।
आगे चलकर उसी मिकी ने डिज्नी को उसका सुनहरा दौर दिखाया और दुनियाभर में प्रसद्धि दिलाई।
आगे चलकर वॉल्ट डिज्नी कंपनी ने 71 अरब डॉलर की डील कर 21 सेंचुरी फॉक्स को खरीदा, जिससे स्टार इंडिया भी वॉल्ट डिज्नी का हिस्सा हो गया।
इस डील ने मीडिया एंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बहुत बड़ा बदलाव ला दिया है। इससे डिज्नी को टाटा स्काई और एंडेमोल शाइन ग्रुप का मालिकाना हक भी मिल गया।