अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने साफ कहा है कि Gaza के विस्थापित फिलिस्तीनी लोगों को मिस्र और जॉर्डन अपने देशों में पनाह दें।
ट्रंप के मुताबिक, गाजा में भारी तबाही हुई है, जिसके चलते वहां अब रहने लायक माहौल नहीं है। मैं चाहता हूं कि गाजा के लोगों को मुस्लिम देश जगह दें, ताकि वो वहां शांति से रह सकें।
वहीं, ट्रंप के इस बयान पर हमास का कहना है कि हम इस प्रस्ताव को कभी नहीं मानेंगे। अगर कोई ये सोचता है कि फिलिस्तीनियों को जबरन हटा देंगे तो ऐसा संभव नहीं।
इजराइल के वित्त मंत्री स्मोट्रिच ने ट्रम्प के इस प्रपोजल को सही ठहराया है। उन्होंने कहा- गाजा के लोगों को अच्छी जिंदगी शुरू करने के लिए दूसरी जगह खोजने में मदद करना अच्छा फैसला है।
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने इसे लेकर जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला से बात की है। वो जल्द ही मिस्र के राष्ट्रपति अल-सीसी से भी चर्चा करेंगे।
गाजा में इजराइल-हमास के बीच 15 महीनों की जंग में करीब 46000 मौतें हुई हैं। इसके अलावा 1 लाख से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं।
इजराइली सेना के हमले में गाजा शहर पूरी तरह खंडहर बन चुका है। IDF के हमले के चलते 20 लाख लोग बेघर हो चुके हैं। गाजा शहर की 60% से ज्यादा इमारतें मलबे का ढेर बन चुकी हैं।
7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल-हमास के बीच शुरू हुई जंग के बाद हजारों फिलिस्तीनी नागरिक मिस्र पहुंचे हैं। हालांकि, मिस्र की सरकार ने उन्हें शरणार्थी के तौर पर मान्यता नहीं दी है।