फिलिस्तीन समर्थक आतंकी संगठन हमास ने इजराइल पर हमला बोल मुसीबत मोल ले ली। इजराइल अब चुन-चुनकर आतंकियों को मार रहा है।
हालांकि, हमास ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर 5 हजार रॉकेट से हमला किया। ऐसे में सवाल उठता है कि हमास जैसे आतंकी संगठन के पास इतना पैसा और गोला-बारूद कहां से आ रहा है?
हमास के पास ग्लोबल फंडिंग नेटवर्क है। उसे एक नहीं बल्कि कई इस्लामिक देश फंडिंग करते हैं। हमास के पास फंडिंग के कई जरिए हैं, जिनसे उसे आर्थिक मदद मिलती है।
हमास की फंडिंग में सबसे बड़ा हाथ ईरान का है। ईरान के मौलवी शासकों पर हमास को हथियार देने और इजराइल के खिलाफ हमला करने के आरोप अक्सर लगते रहे हैं।
इसके अलावा इस्लामिक देश कतर ने भी गाजा को करोड़ों डॉलर की मदद की है। ये पैसा गाजा में रहने वाले हमास आतंकियों तक आसानी से पहुंचता है।
इसके अलावा हमास ने एक सीक्रेट नेटवर्क बनाया है, जिसमें कंपनियों के जरिए सैकड़ों मिलियन डॉलर की रकम आती है। यही वजह है कि अमेरिका ने तुर्की और सऊदी अरब की कई फर्मों को बैन किया है।
इसके साथ ही हमास के पास क्रिप्टो करेंसी के जरिए भी पैसा आ रहा था, जिसे अब इजराइल ने बैन कर दिया है। इजराइल का कहना है कि ज्यादातर क्रिप्टो अकाउंट हमास से जुड़े थे।