जन्माष्टमी पर विधि-विधान से श्रीकृष्ण की पूजा करने से सभी परेशानियों का निवारण हो सकता है।
उज्जैन. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाता है। इसे जन्माष्टमी कहते हैं। इस बार ये पर्व 23 अगस्त को मनाया जाएगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार, जन्माष्टमी पर विधि-विधान से श्रीकृष्ण की पूजा करने से सभी संकटों का निवारण होता है व हर इच्छा पूरी होती है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में 10 चीजों का होना बहुत जरूरी है। आज हम आपको उन्हीं 10 चीजों के बारे में बता रहे हैं...
1. आसन
श्रीकृष्ण की मूर्ति स्थापना सुंदर आसन पर करनी चाहिए। आसन लाल, पीले या केसरिया रंग का व बेलबूटों से सजा होना चाहिए।
2. पाद्य
जिस बर्तन में भगवान के चरणों को धोया जाता है, उसे पाद्य कहते है। इसमें शुद्ध पानी भरकर, फूलों की पंखुड़ियां डालना चाहिए।
3. पंचामृत
यह शहद, घी, दही, दूध और शक्कर- इन पांचों को मिलाकर तैयार करना चाहिए। फिर शुद्ध पात्र में उसका भोग भगवान को लगाएं।
4. अनुलेपन
पूजा में उपयोग में आने वाले दूर्वा, कुंकुम, चावल, अबीर, अगरु, सुगंधित फूल और शुद्ध जल को अनुलेपन कहा जाता है।
5. आचमनीय
आचमन (शुद्धिकरण) के लिए प्रयोग में आने वाला जल आचमनीय कहलाता है। इसमें सुगंधित द्रव्य व फूल डालना चाहिए।
6. स्नानीय
श्रीकृष्ण के स्नान के लिए प्रयोग में आने वाले द्रव्यों (पानी, इत्र व अन्य सुगंधित पदार्थ) को स्नानीय कहा जाता है।
7. फूल
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में सुगंधित और ताजे फूलों का विशेष महत्व है। इसलिए शुद्ध और ताजे फूलों का ही प्रयोग करना चाहिए।
8. भोग
जन्माष्टमी की पूजा के लिए बनाए जा रहें भोग में मिश्री, ताजी मिठाइयां, ताजे फल, लड्डू, खीर, तुलसी के पत्ते शामिल करना चाहिए।
9. धूप
विभिन्न पेड़ों के अच्छे गोंद तथा अन्य सुगंधित पदार्थों से बनी धूप भगवान कृष्ण को बहुत प्रिय मानी जाती है।
10. दीप
चांदी, तांबे या मिट्टी के बने दीए में गाय का शुद्ध घी डालकर भगवान की आरती विधि-विधान पूर्वक उतारनी चाहिए।