महाभारत युद्ध के 16 साल बाद एक रात के लिए फिर से जीवित हुए थे भीष्म, दुर्योधन, कर्ण आदि योद्धा

इस बार 18 जनवरी, शनिवार को भीष्म पितामह की जयंती है। इस मौके पर हम आपको महाभारत से जुड़ी कुछ रोचक बातें बता रहे हैं। 

उज्जैन. ये बात तो सभी जानते हैं कि महाभारत के युद्ध में पांडवों ने भीष्म, द्रोणाचार्य, दुर्योधन, कर्ण आदि योद्धाओं का वध कर दिया था, लेकिन ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि महाभारत युद्ध में मारे गए सभी वीर एक रात के लिए पुनर्जीवित हुए थे। ये बात पढ़ने में थोड़ी अजीब जरूर लग सकती है, लेकिन इस घटना का पूरा वर्णन महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत ग्रंथ के आश्रमवासिक पर्व में मिलता है। ये पूरी घटना इस प्रकार है-

कैसे जीवित हुए थे महाभारत युद्ध में मारे गए योद्धा?
- महाभारत युद्ध के बाद 15 साल तक धृतराष्ट्र और गांधारी हस्तिनापुर में रहे। फिर एक दिन धृतराष्ट्र ने वानप्रस्थ आश्रम में जाने का विचार किया। धृतराष्ट्र के साथ गांधारी, विदुर, संजय और कुंती भी वन में चली गईं।
- यहां महर्षि वेदव्यास से वनवास की दीक्षा लेकर ये सभी महर्षि शतयूप के आश्रम में रहने लगे। लगभग 1 वर्ष बीतने के बाद युधिष्ठिर के मन में वन में रह रहे धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती को देखने की इच्छा हुई।
- धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती अपने पुत्रों व परिजनों को देखकर बहुत प्रसन्न हुए। अगले दिन धृतराष्ट्र के आश्रम में महर्षि वेदव्यास आए। महर्षि वेदव्यास ने धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती से मनचाहा वरदान मांगने को कहा।
- तब गांधारी ने युद्ध में मृत पुत्रों तथा कुंती ने कर्ण को देखने की इच्छा प्रकट की। द्रौपदी आदि ने भी कहा कि वह युद्ध में मारे गए अपने मृत परिजनों को देखना चाहते हैं। महर्षि वेदव्यास ने कहा कि ऐसा ही होगा।
- ऐसा कहकर महर्षि वेदव्यास सभी को गंगा तट पर ले गए। रात होने पर महर्षि वेदव्यास ने गंगा नदी में प्रवेश किया और पांडव व कौरव पक्ष के सभी मृत योद्धाओं का आवाहन किया।
- थोड़ी ही देर में भीष्म, द्रोणाचार्य, कर्ण, दुर्योधन, दु:शासन, अभिमन्यु, धृतराष्ट्र के सभी पुत्र, घटोत्कच, द्रौपदी के पांचों पुत्र, राजा द्रुपद, धृष्टद्युम्न, शकुनि, शिखंडी आदि वीर जल से बाहर निकल आए।
- उन सभी के मन में किसी भी प्रकार का अंहकार व क्रोध नहीं था। महर्षि वेदव्यास ने धृतराष्ट्र व गांधारी को दिव्य नेत्र प्रदान किए। अपने मृत परिजनों को देख सभी के मन में हर्ष छा गया।
- सारी रात अपने मृत परिजनों के साथ बिता कर सभी के मन में संतोष हुआ। अपने मृत पुत्रों, भाइयों, पतियों व अन्य संबंधियों से मिलकर सभी का संताप दूर हो गया।
 

Latest Videos

Share this article
click me!

Latest Videos

जमुई में हाथ जोड़कर आगे बढ़ रहे थे PM Modi फिर ये क्या बजाने लगे? झूमते दिखे लोग । PM Modi Jamui
महाराष्ट्र में हुई गृहमंत्री अमित शाह के बैग और हेलीकॉप्टर की तलाशी #Shorts #amitshah
UPPSC Student Protest: डिमांड्स पूरी होने के बाद भी क्यों जारी है छात्रों का आंदोलन, अब क्या है मांग
उज्जैन में हरि-हर मिलन: शिव बोले विष्णु से ‘संभालो अपनी सृष्टि-मैं चला श्मशान’
Dehradun Car Accident CCTV Video: हादसे से पहले कैमरे में कैद हुई इनोवा | ONGC Chowk