Amla Navami 2022: क्यों मनाते हैं आंवला नवमी का पर्व, इन दिन कौन-से 4 काम जरूर करने चाहिए?

Amla Navami 2022: हिंदू धर्म में कई ऐसे त्योहार भी मनाए जाते हैं, जिनमें पेड़-पौधों की पूजा विशेष रूप से की जाती है। ऐसा ही एक पर्व है आंवला नवमी। इस बार ये पर्व 2 नवंबर, बुधवार को है। इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा करने का विधान है।
 

Manish Meharele | Published : Nov 1, 2022 3:25 AM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों में कार्तिक मास का विशेष महत्व बताया गया है। इस महीने में कई प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। आंवला नवमी भी इनमें से एक है। ये पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 2 नवंबर, बुधवार को है। आंवला नवमी (Amla Navami 2022) को अक्षय नवमी भी कहते हैं। अक्षय का अर्थ है जिसका कभी क्षय न हो यानी जो हमेशा संपूर्ण रहे। अक्षय नवमी का पर्व क्यों मनाया जाता है, इससे एक कथा जुड़ी है। आज हम आपको वो कथा बताएंगे, साथ ही ये भी बताएंगे कि इस दिन कौन-से 5 काम जरूर करना चाहिए…

ये है आंवला नवमी की कथा (Amla Navami Katha)
- पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार देवी लक्ष्मी के मन में भगवान शिव और विष्णु दोनों की पूजा एक साथ करने का विचार आया। तब मां लक्ष्मी ने सोचा कि ये कैसे संभव हो सकता है?
- बहुत सोचने पर देवी लक्ष्मी ने विचार किया कि भगवान विष्णु को तुलसी प्रिय है और शिवजी को बिल्व। इन दोनों वृक्षों के सम्मिलित गुण आंवले में होते हैं। इसलिए ये वृक्ष भगवान शिव और विष्णु का प्रतीक है। 
- ये सोचकर देवी लक्ष्मी ने आंवले के वृक्ष को विष्णु और शिव का प्रतीक मानकर विधि-विधान से पूजा की। देवी लक्ष्मी की भक्ति देखकर दोनों देवता प्रसन्न हुए और पूजा स्थान पर  प्रकट हो गए। 
- दोनों देवताओं को आया देख देवी लक्ष्मी ने आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर भगवान विष्णु और शिव को भोजन कराया और स्वयं भी किया। उस दिन कार्तिक शुक्ल नवमी थी, तभी से आंवला पूजन की शुरुआत हुई।

इस दिन जरूर करें ये 4 काम (What to do on Amla Navami 2022)
1.
आंवला नवमी के दिन सुबह स्नान करते समय पानी में थोड़ा सा आंवले का रस मिलाना चाहिए। आंवला रसे से मिश्रित जल से स्नान करने से त्वचा से संबंधित बीमारी नहीं होती।
2. आंवला नवमी पर अपने भोजन में आंवला जरूर शामिल करें। इससे बने अन्य खाद्य पदार्थ जैसे च्यवनप्राश और मुरब्बा आदि भी खा सकते हैं।
3. इस दिन भगवान विष्णु को आंवले का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से भगवान की कृपा आप पर बनी रहेगी। 
4. आंवला नवमी पर ब्राह्मण व जरूरतमंदों को आंवले का दान भी करना चाहिए। इससे भी शुभ फल मिलते हैं। 



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