तिथियों की घट-बढ़ के कारण नवंबर 2021 में बन रहा है 3 एकादशी का विशेष संयोग

नवंबर 2021 में तिथियों की घट-बढ़ के कारण एक विशेष संयोग बन रहा है, जो कि बहुत कम बार बनता है। आमतौर पर एक अंग्रेजी महीने में 2 एकादशी तिथि आती है, लेकिन इस बार 3 एकादशी का योग बन रहा है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है, इसलिए एक महीने में 3 एकादशी को बहुत ही शुभ माना जाता है।
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 4, 2021 2:05 AM IST

उज्जैन. नवंबर के पहले दिन यानी 1 तारीख को रमा एकादशी थी। महीने के बीच में देव प्रबोधिनी और आखिरी दिन उत्पन्ना एकादशी व्रत किया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार ऐसी स्थिति बहुत कम बार बनती है। भगवान विष्णु की प्रिय तिथि होने से इसे बहुत ही शुभ फल देने वाली माना गया है। आगे जानिए इस महीने कब-कब बनेगा एकादशी का योग…

रमा एकादशी (1 नवंबर)
इस दिन लक्ष्मी जी के साथ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कई जगहों पर इस दिन से लक्ष्मी पूजा की शुरुआत हो जाती है। लक्ष्मी जी के नाम पर ही इसे रमा एकादशी कहा जाता है। ये तिथि महीने के पहले ही दिन थी यानी निकल चुकी है।

देव प्रबोधिनी एकादशी (15 नवंबर)
इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं, इसलिए इसे देव प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन तुलसी और शालिग्राम विवाह की परंपरा है। इस एकादशी को बहुत ही खास माना जाता है क्योंकि इसी दिन से मांगलिक कार्यों की शुरूआत होती है।

Latest Videos

उत्पन्ना एकादशी (30 नवंबर)
विष्णुधर्मोत्तर पुराण के मुताबिक इस दिन एकादशी तिथि प्रकट हुई थी। इसलिए उसे उत्पन्ना एकादशी कहा गया है। इस व्रत से सालभर की एकादशी व्रतों का पूरा फल मिल जाता है। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है।

महीने में 2 बार आती है एकादशी
ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं। ये महीने में दो बार आती है। एक शुक्लपक्ष के बाद और दूसरी कृष्ण पक्ष के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्णपक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली को शुक्लपक्ष की एकादशी कहते हैं। इस तरह साल 24 एकादशी तिथियों को अलग-अलग नाम दिए गए हैं। हर एकादशी का अपना अलग महत्व है।

शुभ फल देने वाली है एकादशी व्रत
पुराणों के मुताबिक, एकादशी को हरी वासर यानी भगवान विष्णु का दिन कहा जाता है। विद्वानों का कहना है कि एकादशी व्रत यज्ञ और वैदिक कर्म-कांड से भी ज्यादा फल देता है। पुराणों में कहा गया है कि इस व्रत को करने से मिलने वाले पुण्य से पितरों को संतुष्टि मिलती है। स्कन्द पुराण में भी एकादशी व्रत का महत्व बताया गया है। इसको करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं।

Share this article
click me!

Latest Videos

कौन सी चीज को देखते ही PM Modi ने खरीद डाली। PM Vishwakarma
कांग्रेस को गणपति पूजा से भी है नफरत #Shorts
घूंघट में महिला सरपंच ने अंग्रेजी में दिया जोरदार भाषण, IAS Tina Dabi ने बजाई तालियां
कोलकाता केसः डॉक्टरों के आंदोलन पर ये क्या बोल गए ममता बनर्जी के मंत्री
PM Modi LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया