अगहन मास में ही हुआ था श्रीराम-सीता का विवाह, इस महीने में शिवजी ने लिया था कालभैरव अवतार

हिंदू पंचांग के नौवें महीने अगहन की शुरूआत 20 नवंबर से हो चुकी है, ये महीना 19 दिसंबर तक रहेगा। धर्म ग्रंथों में इस महीने को मार्गशीर्ष भी कहा गया है। इसी महीने से शीत ऋतु का आरंभ होता है। श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण ने इस महीने को अपना ही स्वरूप बताया है। यही कारण है कि मार्गशीर्ष महीने में भगवान श्रीकृष्ण और उनके शंख पांचजन्य की पूजा का विशेष महत्व है।
 

उज्जैन. अगहन महीने में किसी भी शंख को पांचजन्य मानकर पूजा की जाए तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस महीने में कई विशेष व्रत व उत्सव मनाए जाएंगे। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश के अनुसार, इसी पवित्र महीने में के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर वृंदावन के निधिवन में भगवान बांके बिहारी प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन भगवान कृष्ण की बांके बिहारी रूप में महापूजा की जाती है और पूरे ब्रज में महोत्सव मनाया जाता है। आगे जानिए इस महीने में कब कौन-सा पर्व मनाया जाएगा…

23 नवंबर, मंगलवार
इस दिन गणेश चतुर्थी व्रत रहेगा। इस तिथि पर अखंड सौभाग्य और समृद्धि की कामना से गणेशजी के लिए विशेष व्रत किया जाता है। ये व्रत मंगलवार को होने से इसे अंगारक चतुर्थी कहेंगे।

27 नवंबर, शनिवार
इस दिन कालभैरव अष्टमी है। पुराणों के मुताबिक इस तिथि पर भगवान शिव के रौद्र रूप से ही कालभैरव प्रकट हुए थे। इसलिए इनकी विशेष पूजा की जाती है।

Latest Videos

30 नवंबर, मंगलवार
इस दिन उत्पन्ना एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत-उपवास किए जाते हैं। एकादशी पर विष्णुजी के अवतारों की पूजा करने की परंपरा है।

4 दिसंबर, शनिवार
अगहन मास की अमावस्या तिथि होने से इस दिन पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म करने की परंपरा है।

7 दिसंबर, मंगलवार
इस दिन विनायकी चतुर्थी है। मंगलवार होने से ये अंगारक चतुर्थी रहेगी। इस दिन गणेशजी के लिए पूजा-पाठ करनी चाहिए।

8 दिसंबर, बुधवार
ये दिन श्रीराम और सीता के विवाह उत्सव का पर्व है। इसे विवाह पंचमी भी कहते हैं। इस दिन श्रीराम और सीता की पूजा करनी चाहिए। सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।

14 दिसंबर, मंगलवार
इस दिन अगहन महीने की एकादशी है। इसे मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इस दिन गीता जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इस तिथि पर गीता का पाठ करना चाहिए और श्रीकृष्ण का पूजन करें।

18 दिसंबर, शनिवार
इस दिन अगहन महीने की पूर्णिमा है। इसे दत्त पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन भगवान दत्तात्रेय की पूजा करनी चाहिए।

19 दिसंबर, रविवार
ये अगहन महीने का आखिरी दिन रहेगा। साथ ही स्नान दान की पूर्णिमा होने से इस तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और दान करना चाहिए।

अगहन मास के बारे में ये भी पढ़ें

19 दिसंबर तक रहेगा अगहन मास, सुख-समृद्धि के लिए इस महीने में करें देवी लक्ष्मी और शंख की पूजा

मार्गशीर्ष मास 20 नवंबर से, इस महीने में तीर्थ यात्रा का है महत्व, सतयुग में इसी महीने से शुरू होता था नया साल

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

Rescue Video: आफत में फंसे भालू के लिए देवदूत बने जवान, दिल को छू जाएगा यह वीडियो
'गौतम अडानी गिरफ्तार हों' Rahul Gandhi ने PM Modi पर लगाया एक और बड़ा आरोप
Jharkhand Election Exit Poll: कौन सी हैं वो 59 सीट जहां JMM ने किया जीत का दावा, निकाली पूरी लिस्ट
कानूनी प्रक्रिया: अमेरिकी न्याय विभाग से गिरफ्तारी का वारंट, अब अडानी केस में आगे क्या होगा?
जेल से बाहर क्यों है Adani? Rahul Gandhi ने सवाल का दे दिया जवाब #Shorts