बाहुड़ा यात्रा: रुठी हुई देवी लक्ष्मी को मनाकर पुन: मंदिर में आएंगे भगवान जगन्नाथ

12 जुलाई से शुरू हुई जगन्नाथ रथयात्रा का समापन 20 जुलाई, मंगलवार को बाहुड़ा यात्रा के साथ होगा। इस यात्रा से भगवान वापस अपने मंदिर में लौटते हैं। इसके बाद सोना वेष 21 जुलाई, बुधवार, अधरपडा 22 जुलाई, गुरुवार को है तथा नीलाद्रि विजय का पर्व 23 जुलाई, शुक्रवार को मनाया जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : Jul 20, 2021 3:00 AM IST / Updated: Jul 20 2021, 12:27 PM IST

उज्जैन. 12 जुलाई से शुरू हुई जगन्नाथ रथयात्रा का समापन 20 जुलाई, मंगलवार को बाहुड़ा यात्रा के साथ होगा। इस यात्रा से भगवान वापस अपने मंदिर में लौटते हैं। इसके बाद सोना वेष 21 जुलाई, बुधवार, अधरपडा 22 जुलाई, गुरुवार को है तथा नीलाद्रि विजय का पर्व 23 जुलाई, शुक्रवार को मनाया जाएगा।

लक्ष्मी जी को मनाया जाता है
जगन्नाथ पुरी के पंडित डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार हेरा पंचमी की एक परंपरा में भगवान को ढूंढते हुए देवी लक्ष्मी गुंडिचा मंदिर जाती हैं। यहां किसी बात से गुस्सा होकर भगवान के रथ का एक पहिया तोड़कर श्रीमंदिर चली आती हैं। द्वादशी पर श्रीमंदिर में लक्ष्मी जी के निर्देश से द्वैतापति दरवाजा बंद कर देते हैं फिर भगवान जगन्नाथ लक्ष्मी जी को मनाकर मंदिर में प्रवेश करते हैं।

खोले जाते हैं मंदिर के द्वार
आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की दसवीं तिथि को सभी रथ पुन: मंदिर की ओर लौटते हैं। इस रस्म को बाहुडा कहते हैं। श्रीमंदिर लौटने पर द्वादशी के दिन मंदिर के द्वार खोलकर प्रतिमाओं को पुन: विराजमान किया जाता है। इस दौरान देवी-देवताओं को स्नान करवाकर मंत्र उच्चारण द्वारा विग्रहों को पुन: प्रतिष्ठित किया जाता है।

मौसी के घर भी ठहरते हैं
जगन्नाथ मंदिर से शुरू हुई यात्रा गुंडिचा मंदिर पहुंचती है। गुंडिचा मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा सात दिनों तक विश्राम करते हैं। इस मंदिर में भगवान के दर्शन आड़प दर्शन कहलाते हैं। माना जाता है कि लौटते वक्त भगवान की मौसी का घर पड़ता है, जहां रुककर वे पोर पिठा खाते हैं फिर आगे बढ़ते हैं।

जगन्नाथ रथयात्रा के बारे में ये भी पढ़ें

रथयात्रा की तरह भगवान जगन्नाथ की रसोई भी है आकर्षण का केंद्र, जानिए इससे जुड़ी खास बातें

इस वजह से जगन्नाथ पुरी में आज भी की जाती है भगवान की अधूरी मर्ति की पूजा, क्या है इसका रहस्य?

भगवान जगन्नाथ का रथ बनाने में नहीं होता धातु का उपयोग, बहुत कम लोग जानते हैं रथ से जुड़ी ये खास बातें

जगन्नाथ रथयात्रा 12 जुलाई से, कोरोना गाइडलाइंस के अनुरूप होगा आयोजन, जानिए इससे जुड़ी खास बातें

Share this article
click me!