Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य भारत के विद्वानों में से एक थे। उन्होंने ही अपनी सूझ-बूझ और कूटनीति के दम पर जनपदों में बंटे भारत देश को एक सूत्र में पिरोया और अखंड भारत का निर्माण किया। उनकी बनाई नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं।
उज्जैन. आचार्य चाणक्य ने न सिर्फ भारत देश को एक सूत्र में पिरोया बल्कि चंद्रगुप्त मौर्य जैसा एक महान शासक भी दिया। आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) ने अपने अनुभवों के आधार पर कई पुस्तकों का निर्माण किया। ऐसी ही एक पुस्तक है नीति शास्त्र, जिसे चाणक्य नीति भी कहा जाता है। इस पुस्तक में लाइफ मैनेजमेंट से जुड़े कई ऐसे सूत्र बताए गए गए हैं जो आज भी हमारे लिए काम हैं। आचार्य चाणक्य ने अपने एक सूत्र में महिलाओं के उन गुणों के बारे में बताया है, जिससे वह हर परेशानी का सामना कर सकती हैं। आगे जानिए महिलाओं के उन गुणों के बारे में…
श्लोक
बाहुवीर्यबलं राज्ञो ब्राह्मणो ब्रह्मविद् बली।
रूप-यौवन-माधुर्यं स्त्रीणां बलमनुत्तमम्।।
अर्थ- राजा के लिए बाहुबल, ब्राह्मण के लिए ज्ञान और स्त्री के लिए सौंदर्य, जवानी और मधुर वाणी ही उसकी ताकत है।
स्त्रियों के पास होते हैं ये 3 गुण
आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी स्त्री का सौंदर्य और यौवन यानी जवानी ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति होती है। और यदि वह स्त्री मधुर बोलने वाली हो तो ये उसका तीसरा गुण होता है। ये 3 गुण जिस भी स्त्री के पास होते हैं उसे कभी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता और वह अपने इन 3 गुणों के बल पर किसी भी समस्या से निपटने में सक्षम होती है।
ब्राह्मण के लिये उसका ज्ञान है सबकुछ
आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी ब्राह्मण की शक्ति उसका अर्जित ज्ञान है। ब्राह्मण जितना ज्ञानी होगा वह उतना ही अधिक सम्मान और धन प्राप्त करेगा। ब्राह्मण की शक्ति के आगे तो स्वयं इंद्र को भी कई बार झुकना पड़ता है। इसलिए ब्राह्मणों को अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त करना चाहिए ताकि वो विषम परिस्थितियों का सामना आसानी से कर सके।
राजा की ताकत है बाहुबल
आचार्य चाणक्य के अनुसार, पहले के समय में राजा की ताकत उसकी सेना हुआ करती थी, लेकिन वर्तमान में राजा तो है नहीं। इसलिए किसी चुने गए नेता को ही राजा माना जा सकता है। ऐसी स्थिति में उसके साथ काम करने वाले और जीताने वाली जनता ही उसकी ताकत है। अगर राजनेता को अपने पद पर बने रहना है तो उसे वोट देने वाली जनता को खुश रखना होगा ताकि वो अपने पद पर बना रहे और राजनीतिक लाभ उठाता रहे।
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