चाणक्य नीति: ये 4 गुण जन्मजात होते हैं, इन्हें कोई किसी को सीखा नहीं सकता

आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियां किसी भी व्यक्ति के जीवन को सुखी और सफल बना सकती हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 11, 2020 6:33 PM IST

उज्जैन. चाणक्य की नीतियां बहुत ही सटीक हैं और जो भी व्यक्ति इन्हें जीवन में उतार लेता है, वह बड़ी परेशानियों को भी आसानी से दूर कर सकता है। जानिए चाणक्य द्वारा बताए गए चार ऐसी बातें बताई हैं जो कोई भी किसी दूसरे को सीखा नहीं सकता है।

पहली बात
चाणक्य के अनुसार कोई भी व्यक्ति कितना दानवीर है, ये उसके स्वभाव में ही रहता है। किसी भी इंसान की दान शक्ति को कम करना या बढ़ाना बहुत ही मुश्किल है। यह आदत व्यक्ति के जन्म के साथ ही आती है। इसीलिए किसी भी व्यक्ति की दान करने के क्षमता को कम या ज्यादा नहीं किया जा सकता है। हर व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार ही दान-पुण्य करता है।

दूसरी बात
किसी भी व्यक्ति को यह नहीं सिखाया जा सकता कि वह किस समय कैसे निर्णय लें। जीवन में हर पल अलग-अलग परिस्थितियां बनती हैं। ऐसे में सही या गलत का निर्णय व्यक्ति को स्वयं ही करना पड़ता है। जो भी व्यक्ति समय पर उचित और अनुचित का फर्क समझ लेता है, वह जीवन में कई उपलब्धियां हासिल करता है। यह गुण भी व्यक्ति के जन्म के साथ ही आता है।

तीसरी बात
धैर्य एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति को हर विपरीत परिस्थिति से बाहर निकाल सकता है। धैर्य से ही बुरे समय को दूर किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति हर काम जल्दबाजी में करता है, बिना विचारे ही तुरंत निर्णय कर लेता है तो बाद में हानि उठाता है। ऐसे लोगों को धैर्य की शिक्षा देना भी समय की बर्बादी ही है, क्योंकि यह गुण भी व्यक्ति के जन्म के साथ ही उसके स्वभाव में रहता है।

चौथी बात
यदि कोई व्यक्ति कड़वा बोलने वाला है तो उसे लाख समझा लो कि वह मीठा बोलें, लेकिन वह अपना स्वभाव लंबे समय तक के लिए नहीं बदल सकता है। जो व्यक्ति जन्म से ही कड़वा बोलने वाला है, उसे मीठा बोलना नहीं सिखाया जा सकता। यह आदत भी व्यक्ति के जन्म के साथ ही उसके स्वभाव में शामिल रहती है।

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