चाणक्य नीति: जानिए किन लोगों के बीच में से नहीं निकलना चाहिए, इससे क्या नुकसान हो सकता है?

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में बताया है कि जाने-अनजाने में कुछ लोग ऐसी गलतियां कर देते हैं जो दिखने में छोटी होती हैं, लेकिन उनके कारण बड़ी परेशानियां होती हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jun 8, 2020 6:31 PM IST

उज्जैन. चाणक्य ने बताया है कि हमें किसके बीच में से नहीं निकलना चाहिए। ऐसा करने पर या तो हमें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है या चोट भी लग सकती है।

विप्रयोर्विप्रवह्नेश्च दम्पत्यो: स्वामिभृत्ययो:।
अन्तरेण न गन्तव्यं हलस्य वृषभस्य च।।

1. विद्वानों व अधिकारियों के बीच में से न निकलें
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि जब दो विद्वान लोग आपस में बात कर रहे हों तो उनके बीच में से नहीं निकलना चाहिए। जो भी व्यक्ति इस बात का ध्यान नहीं रखता है, उसे अधिकारियों या विद्वान लोगों के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है। यदि व्यक्ति उन अधिकारियों के अधीन काम करता है तो इस बात का बुरा असर नौकरी पर भी पड़ सकता है। जब भी ऐसी परिस्थिति निर्मित हो तो हमें दूसरी ओर से निकल जाना चाहिए।

2. ब्राह्मणों के बीच में से न निकलें
ब्राह्मणों के बीच में से भी नहीं निकलना चाहिए। ऐसा करने से ब्राह्मण के अपमान का दोष लगता है और आपके कई पुण्य कर्म नष्ट हो सकते हैं। ब्राह्मणों के बीच में से निकलने से विद्या और धन की हानि होती है। कोई सिद्ध पुरूष ब्राह्मण होने पर आपको श्राप भी दे सकता है।

3. अग्नि के बीच में से न निकलें
आग के बीच में से निकलने पर जलने का खतरा होता है। इसके साथ ही अग्निदेव को लांघने का दोष लगता है। इससे अग्निदेव का अपमान होता है। ऐसा करने से सैकड़ों पुण्य भी खत्म हो सकते हैं।

4. स्त्री और पुरुष के बीच में से नहीं निकलना चाहिए
यदि किसी स्थान पर कोई स्त्री -पुरुष या पति-पत्नी आपस में बात कर रहे हैं तो उनके बीच में से भी नहीं निकलना चाहिए। इसे नियमों के विरुद्ध माना जाता है। ऐसा हो सकता है कि पति-पत्नी या स्त्री-पुरुष के बीच गुप्त बात हो रही हो और उनके बीच में से निकलने पर वह गुप्त मंत्रणा भंग हो सकती है।

5. मालिक और नौकर के बीच में से भी न निकलें
आज के दौर में मालिक यानी अधिकारी या बड़े लोगों को समझना चाहिए। इसके अनुसार अगर कोई अधिकारी अपने कर्मचारी या कोई बड़ा आदमी किसी इंसान से बात कर रहा हो या पास में खड़ा हो तो उनके बीच में से नहीं निकलना चाहिए। वरना आपका नुकसान हो सकता है।

6. पशुओं के बीच में से भी नहीं निकलना चाहिए
आचार्य चाणक्य के अनुसार पशुओं के बीच में से निकलना मूर्खता है। दो जानवरों के बीच में से निकलने पर चोट या दुर्घटना हो सकती है। पशुओं के कारण आपको मृत्यु के बराबर कष्ट उठाना पड़ सकता है।

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