Christmas History: कैसे हुई क्रिसमस मनाने की शुरूआत? जानें इसका इतिहास व अन्य रोचक बातें

Christmas 2022 History: हर साल 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस का पर्व बहुत ही जोर-शोर से मनाया जाता है। बच्चों से लेकर बूढ़ें तक सभी इस त्योहार को लेकर काफी उत्साही रहते हैं। इस दौरान लंबी छुट्टियां भी घोषित की जाती है ताकि लोग इसे फेस्टिवल को एंजॉय कर सकें।
 

Manish Meharele | Published : Dec 24, 2022 4:49 AM IST

उज्जैन. ये बात तो सभी जानते हैं कि प्रभु यीशु के जन्मोत्सव के रूप में क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है। (Christmas 2022) ये त्योहार पूरी दुनिया में एक साथ यानी 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इस मौके पर चर्चों को रोशनी और फूलों से सजाया जाता है। प्रभु यीशु के जन्मोत्सव की झांकियां सजाई जाती हैं। इस त्योहार से कई परंपराएं भी जुड़ी हैं जैसे क्रिसमस ट्री, सांता क्लॉज आदि। क्रिसमस मनाने की शुरूआत कैसे और कहां से हुई, इसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। आगे जानिए इससे जुड़ी खास बातें…

कैसे हुई क्रिसमस सेलिब्रेट करने की शुरुआत? (how christmas started)
क्रिसमस 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरूआत कैसे हुई, इसे लेकर अलग-अलग मान्यताएं ईसाई समुदाय में प्रचलित हैं। ऐसी ही एक मान्यता के अनुसार, 336 ईसा पूर्व में रोम के राजा ने 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने की शुरुआत की थी। इसके कुछ समय बाद ईसाइयों के सर्वोच्च धर्म गुरु पोप जूलियस ने आधिकारिक तौर पर प्रभी यीशु का जन्म दिवस 25 दिसंबर को मनाए जाने की घोषणा की। तभी से हर साल 25 दिसंबर को ये पर्व बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है।

ये हैं क्रिसमस का महत्व (Significance Of Christmas)
क्रिसमस एक ऐसे त्योहार है, जिसे सिर्फ ईसाई समुदाय के लोग ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग मनाते हैं। पूरी दुनिया में क्रिसमस को लेकर उत्साह देखा जाता है। इस दिन लगभग सभी देशों में छुट्टियां होती हैं। कुछ देशों में ये त्योहार 1 से लेकर 12 दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। क्रिसमस को बड़ा दिन भी कहा जाता है। ईसाई धर्म गुरु इस दिन विशेष प्रार्थनाएं करते हैं और लोगों को सुख-शांति और प्रेम से रहने के लिए प्रेरित करते हैं।

ऐसे मनाते हैं क्रिसमस (how to celebrate Christmas)
क्रिसमस को लेकर चर्चों में पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं। क्रिसमस से कई दिन पहले से ही ईसाई समुदायों द्वारा कैरोल्स (विशेष गीत) गाए जाते हैं और प्रार्थनाएं भी की जाती हैं। हर चर्च में प्रभु यीशु के जन्म से जुड़ी झांकियां सजाई जाती हैं। 24-25 दिसंबर के बीच की रात विशेष आराधना की जाती है और धार्मिक गीत गाए जाते हैं। दूसरे दिन लोग एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाइयां देते हैं।


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