Diwali Puja 2022: जानिए लक्ष्मी पूजा में कितने दीपक जलाना चाहिए और क्यों?

Diwali 2022: दीपावली दीपकों को उत्सव है। बिना दीपक के इस पर्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती। मान्यता है कि 14 वर्ष के वनवास के बाद जब श्रीराम अयोध्या लौटे तो नगरवासियों ने पूरे नगर को दीपकों से सजाया था।
 

Manish Meharele | Published : Oct 19, 2022 10:37 AM IST / Updated: Oct 19 2022, 06:34 PM IST

उज्जैन. इस बार दीपावली (Diwali 2022) पर्व की शुरूआत 22 अक्टूबर, शनिवार को धनतेरस के साथ होगी और समापन 27 अक्टूबर, गुरुवार को भाई दूज के साथ। सूर्य ग्रहण के कारण इस बार दीपोत्सव 5 नहीं बल्कि 6 दिन तक मनाया जाएगा। दीपावली को दीपोत्सव भी कहते हैं यानी दीपकों का उत्सव। दीपक भारतीय संस्कृति की पहचान है। हर शुभ कार्य करते समय दीपक जरूर जलाया जाता है। दीपावली पर रमा एकादशी से ही दीपक जलाने की परंपरा है। आगे जानिए लक्ष्मी पूजा पर कितने दीपक जलाने चाहिए और क्यों…

कितने दीपक जलाएं लक्ष्मी पूजा में? (Lakshami Puja Mai Kitne Deepak Jalaye)
लक्ष्मी पूजा के दौरान कितने दीपक जलाने चाहिए, इसके संबंध में ग्रंथों में कहीं कोई उल्लेख नहीं मिलता, लेकिन एक बात जो ध्यान में रखनी चाहिए वो ये कि दीपक की संख्या 11, 21 या 51 हो सकती है। कभी भी 10, 20 या 30 की संख्या में दीपक न जलाएं क्योंकि ये संख्याओं के पीछे शून्य होता है जो समाप्ति की ओर इशारा करता है जबकि 11, 21 या 51 की संख्या शकुन का स्वरूप होती है।

दीपक जलाते समय बोलें ये मंत्र (Deepak Mantra)
दीपक जलाते समय एक खास मंत्र बोला जाता है। मान्यता है कि इस मंत्र को बोलने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ये है वो दीपक मंत्र-
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोस्तुते।।
दीपो ज्योति परंब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोस्तुते।।  

अर्थ- ये दीप ज्योति मेरा कल्याण करो, अच्छी सेहत और धन-संपदा प्रदान करो। शत्रुओं से मेरी रक्षा करो, मैं आपको नमस्कार करता हूं। आप ही परब्रह्म का प्रतीक हो, मेरी सभी पापों का नाश करो।

किसी भी शुभ कार्य से पहले क्यों जलाते हैं दीपक? (Why do we light a lamp before auspicious work?)
हिंदू धर्म में दीपक को ज्ञान और रोशनी का प्रतीक माना गया है। इसे अग्निदेव का प्रतिनिधि भी कहा जाता है। दीपक हमारे हर शुभ कार्य का साक्षी होता है। यही कारण है हर शुभ कार्य से पहले दीप प्रज्वल्लन की परंपरा जरूर निभाई जाती है। आमतौर पर विषम संख्या जैसे 11, 21 में ही दीपक जलाएं जाते हैं। विशेष मौकों पर घी का दीपक लगाया जाता है। मान्यता है कि घी का दीपक लगाने से घर में लक्ष्मी का स्थाई रूप से निवास होता है। 


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