रमजान: रोजा रख खुदा की इबादत करते हैं इस महीने में, ये 5 काम भूलकर भी न करें

इस बार 25 अप्रैल, शनिवार से मुस्लिम धर्मावलंबियों का पवित्र महीना रमजान शुरू हो चुका है। हिजरी कैलेंडर का यह नौवा महीना है।

Asianet News Hindi | Published : Apr 27, 2020 10:58 AM IST / Updated: Apr 27 2020, 04:39 PM IST

उज्जैन. इस बार 25 अप्रैल, शनिवार से मुस्लिम धर्मावलंबियों का पवित्र महीना रमजान शुरू हो चुका है। हिजरी कैलेंडर का यह नौवा महीना है। पूरी दुनिया  में फैले इस्लाम धर्म के लिए रमज़ान का पवित्र महीना एक उत्सव होता है।

रमज़ान के महीने में किए गए हर नेक काम का पुण्य यानी सवाब 70 गुना मिलता है। 70 गुना अरबी में मुहावरा है, जिसका मतलब होता है बेशुमार। इसलिए प्रत्येक मुस्लिम इस पाक महीने में ज्यादा से ज्यादा नेक काम करते हैं।

ज़कात (अपनी कमाई का कुछ हिस्सा दान के रूप में देना) इसी महीने में अदा की जाती है। यदि कोई व्यक्ति अपने माल की ज़कात इस महीने में निकालता है तो उसको 1 रुपये की जगह 70 रुपये अल्लाह की राह में देने का पुण्य मिलता है, इसीलिए मुसलमान इस महीने में ज़कात अदा करते हैं।

रमजान के पाक महीने में रोजे भी रखे जाते हैं। रोजा हमें झूठ, हिंसा, बुराई, रिश्वत तथा अन्य तमाम गलत कामों से बचने की प्रेरणा देता है। इसकी मश्क यानी (अभ्यास) पूरे एक महीना कराया जाता है ताकि इंसान पूरे साल तमाम बुराइयों से बचें और इंसान से हमदर्दी का भाव रखें।

इन 5 कामों से टूट जाता है रोजा
1. झूठ बोलना
2. बदनामी करना
3. किसी के पीछे उसकी बुराई करना
4. झूठी कसम खाना
5. पांचवीं लालच करना। 

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