Dussehra 2022: इन 5 लोगों का श्राप बना रावण के सर्वनाश का कारण, शूर्पणखा भी है इनमें शामिल

Dussehra 2022: शारदीय नवरात्रि समाप्त होने के दूसरे दिन विजयादशमी यानी दशहरे का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 5 अक्टूबर, बुधवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इसी दिन श्रीराम ने रावण का वध किया था।
 

Manish Meharele | Published : Oct 3, 2022 11:13 AM IST / Updated: Oct 04 2022, 03:04 PM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, रावण (Interesting facts about Ravana) महाज्ञानी, पराक्रमी और शिवजी का परम भक्त था, लेकिन उसने कुछ ऐसे काम किए, जिसके कारण स्वयं भगवान विष्णु को उसे मारने के लिए अवतार लेना पड़ा। रावण को कई लोगों ने श्राप दिए थे, वही उसके सर्वनाश का कारण भी बने। दशहरे के मौके पर हम आपको बता रहे हैं, रावण को कब-कब, किन लोगों ने श्राप दिया था… 

नंदी ने दिया था रावण को श्राप
रावण शिवजी का परम भक्त था। एक बार जब रावण शिवजी के दर्शन करने कैलाश पर्वत पर गया तो वहां उसे नंदीजी दिखाई दिए। नंदी के स्वरूप को देखकर रावण उनकी हंसी उड़ाने लगा और उन्हें बंदर समान मुख वाला तक बोल दिया। शिव भक्त होने के कारण नंदी ने उस समय रावण से कुछ नहीं कहा लेकिन एक श्राप जरूर दिया कि बंदरों के कारण ही तेरा सर्वनाश होगा।

पत्नी की बड़ी बहन ने भी दिया था श्राप
रावण की पत्नी मंदोदरी की बड़ी बहन माया के पति वैजयंतपुर के शंभर राजा थे। एक दिन रावण शंभर के यहां गया। उसी समय शंभर पर राजा दशरथ ने आक्रमण कर दिया। युद्ध में शंभर मारा गया। माया के सौंदर्य को देखकर रावण ने उसने लंका चलने को कहा। तब माया ने रावण को श्राप दिया कि तुम्हारी मृत्यु स्त्री की वासना के कारण ही होगी।

श्रीराम के पूर्वज ने दिया था श्राप
किसी समय अयोध्या पर राजा अनरण्य का राज था। जब रावण विश्वविजय करने निकला तो राजा अनरण्य से उसका भयंकर युद्ध हुआ। उस युद्ध में राजा अनरण्य की मृत्यु हो गई, लेकिन मरने से पहले उन्होंने रावण को श्राप दिया कि मेरे ही वंश में उत्पन्न एक युवक तेरी मृत्यु का कारण बनेगा। श्रीराम ने उसी वंश में जन्म लेकर रावण का वध किया।

तपस्वी महिला ने दिया था श्राप
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, एक बार रावण अपने पुष्पक विमान से कहीं जा रहा था। तभी उसने भूमि पर एक सुंदर स्त्री को तपस्या करते हुए देखा। वही स्त्री भगवान विष्णु को पति रूप में पाने के लिए तपस्या कर रही थी। रावण ने उसके बाल पकड़े और अपने साथ चलने को कहा। उस तपस्विनी ने उसी क्षण अपनी देह त्याग दी और रावण को श्राप दिया कि एक स्त्री के कारण ही तेरी मृत्यु होगी। 

शूर्पणखा ने भी दिया था श्राप
आपको जानकर आश्चर्य होगा लेकिन रावण की बहन शूर्पणखा ने भी उसे श्राप दिया था। रावण जब दुनिया के सभी योद्धाओं को हराने निकला तो उसका सामना कालकेय नाम के एक अ्नय राक्षसों के राजा से हुआ। उसका सेनापति विद्युतजिव्ह था, जो शूर्पणखा का पति था।। युद्ध में रावण ने विद्युतजिव्ह का वध कर दिया। तब शूर्पणखा ने मन ही मन रावण को श्राप दिया कि मेरे ही कारण तेरा सर्वनाश होगा।


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