किसी काम में सफलता मिलेगी या नहीं, ये इस बात पर निर्भर है कि हमारा प्रयास कैसा है? हमने काम की शुरुआत कैसे की? लक्ष्य पाने के लिए किस प्रकार काम कर रहे हैं? कामयाबी के लिए आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति ग्रंथ के षष्ठम अध्याय के 16वें श्लोक में शेर के माध्यम से एक मूलमंत्र बताया है।
उज्जैन. कामयाबी के लिए आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति ग्रंथ के षष्ठम अध्याय के 16वें श्लोक में शेर के माध्यम से एक मूलमंत्र बताया है। इस मंत्र का ध्यान रखने से हर काम में सफलता मिल सकती है...
नीति श्लोक
प्रभूतंकार्यमल्पंवातन्नरः कर्तुमिच्छति।
सर्वारंभेणतत्कार्यं सिंहादेकंप्रचक्षते॥
लाइफ मैनेजमेंट
- इस श्लोक में आचार्य ने बताया है कि अगर हमें कोई लक्ष्य हासिल करना है तो पूरी शक्ति लगाकर काम की शुरुआत करना चाहिए। ठीक उसी प्रकार जैसे कोई शेर अपना शिकार करता है।
- काम चाहे छोटा हो या बड़ा हो, हमें पूरी ताकत लगाकर ही करना चाहिए। तभी हमारी कामयाबी पक्की हो जाती है। शेर अपने शिकार पर पूरी शक्ति से झपटता है और शिकार को भागने का मौका नहीं देता।
- इसी गुण के कारण वह शिकार पकड़ने में बहुत कम असफल होता है। हमें भी शेर की तरह ही अपने लक्ष्य की ओर झपटना चाहिए, आगे बढ़ना चाहिए। काम में किसी प्रकार का ढीलापन हुआ तो कामयाबी हमसे दूर हो जाएगी। यही सफलता प्राप्त करने का मूलमंत्र है।