Ganesh Chaturthi: जानें श्रीगणेश की पीठ के दर्शन करना क्यों माना जाता है अशुभ?

किसी भी शुभ काम का शुभारंभ श्रीगणेश के पूजन के बाद ही होता है। इनकी पूजा से हमारे सारे काम बिना किसी बाधा से पूरे हो जाते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Aug 27, 2019 12:18 PM IST

उज्जैन. विघ्नहर्ता गौरीपुत्र श्रीगणेश की आराधना से श्रद्धालु को सभी सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। गणेशजी अपने भक्तों पर विशेष कृपा हमेशा बनाए रखते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार गणेशजी के दर्शन मात्र से कई पाप नष्ट हो जाते हैं, लेकिन उनकी पीठ के दर्शन करना अशुभ माना जाता है।

गणेशजी के शरीर पर है ब्रह्मांड के अलग-अलग अंगों का वास
गणेशजी के शरीर पर जीवन और ब्रह्मांड से जुड़े सभी अंग विद्यमान हैं। उनके हर अंग का विशेष महत्व है। गणेशजी की सूंड पर धर्म विद्यमान है, कानों पर वेदों की ऋचाएं, दाएं हाथ में वर, बाएं हाथ में अन्न, पेट में समृद्धि, नाभी में ब्रह्मांड, आंखों में लक्ष्य, पैरों में सातों लोक और मस्तक में ब्रह्मलोक विद्यमान है। गणेशजी के सामने से दर्शन करने पर ये सभी सुख मिलते हैं। घर में समृद्धि बढ़ती है।

भगवान की पीठ पर है दरिद्रता का वास
मान्यता है कि भगवान गणपति की पीठ पर दरिद्रता वास करती है। इसी वजह से गणेशजी के दर्शन पीछे से नहीं करना चाहिए। पूजा में परिक्रमा करते वक्त भी उनकी पीठ के दर्शन नहीं करना चाहिए। पीछे से दर्शन करने से घर में गरीबी बढ़ सकती है। जाने-अनजाने गणेशजी की पीठ के दर्शन हो जाए तो तुरंत ही गणपतिजी से क्षमा याचना करें और ऊँ गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें।

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