गरुड़ पुराण के आचार काण्ड में बताया गया है कि हमें किन 10 लोगों के यहां भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
उज्जैन. यदि हम इन लोगों के द्वारा दी गई खाने की चीज खाते हैं या इनके घर भोजन करते हैं तो इससे हमारे पापों में वृद्धि होती है। यहां जानिए ये 10 लोग कौन-कौन हैं और इनके घर पर भोजन क्यों नहीं करना चाहिए...
1. कोई चोर या अपराधी
कोई व्यक्ति चोर है, न्यायालय में उसका अपराध सिद्ध हो गया हो तो उसके घर का भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पापों का असर हमारे जीवन पर भी हो सकता है।
2. चरित्रहीन स्त्री
यहां चरित्रहीन स्त्री का अर्थ यह है कि जो स्त्री स्वेच्छा से पूरी तरह अधार्मिक आचरण करती है। गरुड़ पुराण में लिखा है कि जो व्यक्ति ऐसी स्त्री के यहां भोजन करता है, वह भी उसके पापों का फल प्राप्त करता है।
3. सूदखोर
जो लोग दूसरों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए अनुचित रूप से बहुत ज्यादा ब्याज प्राप्त करते हैं, गरुड़ पुराण के अनुसार उनके घर पर भी भोजन नहीं करना चाहिए। गलत ढंग से कमाया गया धन, अशुभ फल ही देता है।
4. रोगी व्यक्ति
यदि कोई व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है, कोई व्यक्ति छूत के रोग का मरीज है तो उसके घर भी भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसे व्यक्ति के यहां भोजन करने पर हम भी उस बीमारी का शिकार हो सकते हैं।
5. बहुत ज्यादा क्रोधी व्यक्ति
अक्सर क्रोध के आवेश में व्यक्ति अच्छे और बुरे का फर्क भूल जाता है। इसी कारण व्यक्ति को हानि भी उठानी पड़ती है। जो लोग हमेशा ही क्रोधित रहते हैं, उनके यहां भी भोजन नहीं करना चाहिए। यदि हम उनके यहां भोजन करेंगे तो उनके क्रोध के गुण हमारे अंदर भी प्रवेश कर सकते हैं।
6. नपुंसक या किन्नर
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि किन्नरों को दान देना चाहिए, लेकिन इनके यहां भोजन नहीं करना चाहिए। किन्नर कई प्रकार के लोगों से दान में धन प्राप्त करते हैं। इन्हें दान देने वालों में अच्छे-बुरे, दोनों प्रकार के लोग होते हैं।
7. निर्दयी व्यक्ति
यदि कोई व्यक्ति निर्दयी है, दूसरों के प्रति मानवीय भाव नहीं रखता है, सभी को कष्ट देते रहता है तो उसके घर का भी भोजन नहीं खाना चाहिए। ऐसे लोगों द्वारा कमाया हुए पैसों से बना खाना खाने से हमारा स्वभाव भी वैसा ही बन सकता है।
8. चुगलखोर व्यक्ति
चुगली करने वाले लोग दूसरों को परेशानियों फंसा देते हैं और खुद मजे लेते हैं। इस काम को भी पाप की श्रेणी में रखा गया है। अत: ऐसे लोगों के यहां भोजन करने से बचना चाहिए।
9. नशीली चीजें बेचने वाले
नशा करना भी पाप की श्रेणी में ही आता है और जो लोग नशीली चीजों का व्यापार करते हैं, गरुड़ पुराण में उनके यहां भोजन करना वर्जित किया गया है।
10. निर्दयी राजा
राजा का कर्तव्य है कि प्रजा का ध्यान रखें और अपने अधीन रहने वाले लोगों की आवश्यकताओं को पूरी करें। जो राजा इस बात का ध्यान न रखते हुए सभी को सताता है, उसके यहां का भोजन नहीं खाना चाहिए।