
उज्जैन. हिंदू धर्म में हनुमानजी को सबसे बलशाली देवता माना जाता है। इनकी पूजा से सभी तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं और भय का नाश होता है। कई विशेष अवसरों पर इनकी पूजा करने का भी विधान है। हनुमान अष्टमी (Hanuman Ashtami 2022) भी एक ऐसा ही अवसर है। हनुमान अष्टमी का पर्व पौष कृष्ण अष्टमी तिथि पर मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 16 दिसंबर, शुक्रवार को है। इस पर्व से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं हैं। आगे जानिए क्यों मनाते हैं हनुमान अष्टमी का पर्व…
विजय उत्सव है हनुमान अष्टमी का पर्व (Why celebrate the festival of Hanuman Ashtami?)
- पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण के कहने पर अहिरावण ने श्रीराम और लक्ष्मण को पाताल लोक में कैद कर लिया। अहिरावण उनकी बलि देना चाहता था, लेकिन हनुमानजी ने अपने पराक्रम से अहिरावण का वध कर दिया।
- युद्ध में विजय होने के बाद हनुमानजी ने श्रीराम व लक्ष्मण को अहिरावण की कैद से छुड़ा लिया। इस युद्ध में हनुमानजी काफी थक गए तब उन्होंने अवंतिका नगरी (वर्तमान उज्जैन) में जाकर कुछ देर आराम किया।
- उस दिन पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि थी। भगवान श्रीराम ने हनुमानजी को वरदान दिया कि इस तिथि पर जो भी भक्त तुम्हारी पूजा करेगा, उसकी सभी मनोकामना पूरी होगी और भय दूर होगा।
- भगवान श्रीराम ने हनुमानजी को ये आशीर्वाद भी दिया कि तुम्हारे इस पराक्रम को विजय उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। तभी से हनुमान अष्टमी का पर्व विजय उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।
- वैसे तो ये पर्व पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन उज्जैन और इसके आस-पास के क्षेत्रों में इस उत्सव की विशेष धूम रहती है। इस दिन हनुमान मंदिरों पर विशेष सजावट की जाती है और भंडारों का आयोजन भी किया जाता है।
एक कथा ये भी है
एक अन्य कथा के अनुसार, हनुमानजी ने भगवान को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की। तब पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर महादेव ने हनुमानजी को दर्शन दिए। हनुमानजी की तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने वरदान दिया कि इस तिथि पर तुम्हारी विशेष पूजा की जाएगी। जो भी भक्त तुम्हारी पूजा करेगा उसकी हर इच्छा पूरी होगी। तभी से ये पर्व मनाया जा रहा है।
ये भी पढ़ें-
Som Pushay 2022: साल का अंतिम सोम पुष्य 12 दिसंबर को, ये उपाय दूर कर सकते हैं आपकी परेशानी
Chaturthi Tithi list 2023: साल 2023 में कब-कब किया जाएगा विनायकी और संकष्टी चतुर्थी व्रत?
18 दिन तक चलता है किन्नरों का विवाह समारोह, किससे और कैसे होती है इनकी शादी?
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।