हनुमान जयंती: श्रीरामचरित मानस के पांचवें अध्याय का नाम सुंदरकांड क्यों है?

8 अप्रैल, बुधवार को श्रीराम के परम भक्त हनुमानजी की जयंती है। इस दिन हनुमानजी की विशेष पूजा करनी चाहिए। इस पूजा में हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।

उज्जैन. श्रीरामचरित मानस के सुंदरकांड को हनुमानजी की सफलता के लिए याद किया जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, जिन लोगों का आत्मविश्वास कमजोर है और अनजाना भय सताता है, उन्हें सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।

श्रीरामचरित मानस का पांचवां अध्याय है सुंदरकांड
श्रीरामचरित मानस में 7 कांड यानी अध्याय हैं। इसमें 6 अध्यायों के नाम स्थान या स्थितियों के आधार पर रखे गए हैं। श्रीराम की बाललीला का बालकांड, अयोध्या की घटनाओं का अयोध्या कांड, जंगल के जीवन का अरण्य कांड, किष्किंधा राज्य के कारण किष्किंधा कांड, लंका के युद्ध का लंका कांड और जीवन से जुड़े सभी प्रश्नों के उत्तर उत्तरकांड में दिए गए हैं। इस ग्रंथ के पांचवें अध्याय का नाम सुंदरकांड है, इसके पीछे खास वजह है।

सुंदरकांड का नाम सुंदरकांड क्यों रखा गया?
पं. शर्मा के मुताबिक सुंदरकांड में हनुमानजी माता सीताजी की खोज में लंका पहुंच गए थे। लंका तीन पर्वतों पर यानी त्रिकुटाचल पर्वत पर बसी हुई थी। पहला सुबैल पर्वत, जहां के मैदान में युद्ध हुआ था। दूसरा नील पर्वत, जहां राक्षसों के महल थे और तीसरे पर्वत का नाम था सुंदर पर्वत, जहां अशोक वाटिका थी। इसी अशोक वाटिका में हनुमानजी और सीताजी की भेंट हुई थी। इस अध्याय की यही सबसे खास घटना थी, इसीलिए इसका नाम सुंदरकांड रखा गया है।
 

Share this article
click me!

Latest Videos

पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi
SDM थप्पड़कांड के बाद 10 धाराओं में दर्ज हुआ केस, हवालात में ऐसे कटी नरेश मीणा की रात । Deoli-Uniara
पहली बार सामने आया SDM थप्पड़ कांड का सच, जानें उस दोपहर क्या हुआ था । Naresh Meena । Deoli-Uniara
UPPSC Student Protest: डिमांड्स पूरी होने के बाद भी क्यों जारी है छात्रों का आंदोलन, अब क्या है मांग
Dev Diwali 2024: देव दिवाली आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और सबसे खास उपाय