सभी के किचन में होती है ये खास चीज, इसका जमीन पर गिरना माना जाता है अशुभ, जानिए इससे जुड़ी मान्यताएं

हिंदू धर्म में कई तरह की मान्यताएं हैं। ऐसी ही कुछ मान्यताएं शकुन-अपशकुन से जुड़ी होती हैं। हमारे दैनिक जीवन में होने वाली छोटी-छोटी घटनाओं को भी शकुन-अपशकुन से जोड़ा गया है। ऐसी ही एक मान्यता नमक से भी जुड़ी है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 29, 2021 10:17 AM IST

उज्जैन. ऐसा माना जाता है कि गलती से भी जमीन पर नमक नहीं गिरना चाहिए। ऐसा होना अशुभ होता है और निकट भविष्य में हमें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु में नमक को निगेटिव एनर्जी दूर करना वाला बताया गया है। कई वास्तु टिप्स में भी नमक का उपयोग किया जाता है। आगे जानिए नमक से जुड़ी मान्यताएं…

नमक का गिरना क्यों मानते हैं अशुभ?
नमक हमारे भोजन का आवश्यक अंग है। इसके बिना कोई भी भोजन स्वादिष्ट नहीं होता। हर घर के किचन में नमक जरूर होता है। वैसे तो इसका उपयोग भोजन बनाने के दौरान ही सब्जी आदि में किया जाता है, लेकिन कुछ लोग इसे ऊपर से भी डालकर खाते हैं। कई बार किसी कारणवश नमक जमीन पर भी गिर जाता है। ऐसा होना शुभ नहीं माना जाता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नमक का संबंध शुक्र और चंद्र ग्रह से होता है। इनमें से शुक्र भौतिक सुख-सुविधाओं और चंद्रमा मन का कारक है। नमक के अपव्यय होने यानी गिरने पर इन दोनों ग्रहों से संबंधित अशुभ फल हमें प्रभावित करते हैं।

नमक से जुड़ी अन्य मान्यताएं
1.
झूठे हाथों से नमक को छूना नहीं चाहिए, इससे धन से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
2. अगर गलती से नमक जमीन पर गिर जाए तो उसे पैरों से साफ नहीं करना चाहिए या उस पर गलती से भी पैर नहीं रखना चाहिए। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता।
3. ऐसा भी माना जाता है कि जिस घर में नमक का अपव्यय होता है, उस पर में हमेशा गीरबी छाई रहती है और देवी लक्ष्मी भी नाराज रहती है।
4. वास्तु शास्त्र के अनुसार, सप्ताह में एक दिन पानी में नमक डालकर घर का पोछा लगाना चाहिए। इससे निगेटिविटी दूर होती है और पॉजिटिविटी बनी रहती है।
5. हिंदू धर्म के अनुसार किसी से नमक उधार न लेना चाहिए या न ही किसी को नमक उधार देना चाहिए। ऐसा करना अशुभ होता है।

ये खबरें भी पढें...

घर में पूजा करते समय घंटी जरूर बजाएं, ऐसा करने से दूर होते हैं ग्रहों और कुंडली के दोष
 

प्राचीन समय में लकड़ी के इस यंत्र से ऋषि-मुनि यज्ञ के लिए करते थे अग्नि उत्पन्न, आज भी होता है इसका उपयोग

 

Share this article
click me!