कलयुग में कल्कि अवतार लेकर दुष्टों का नाश करेंगे भगवान विष्णु, जानिए कब और कहां लेंगे जन्म?

धर्म ग्रंथों के अनुसार, जब-जब धर्म की हानि होती है भगवान विष्णु अवतार लेकर दुष्टों का नाश करते हैं और धर्म की पुर्नस्थापना करते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 25, 2020 3:36 AM IST

उज्जैन. श्रीमद्भागवत के अनुसार, कलयुग में भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतार लेंगे। भगवान विष्णु का ये अवतार सावन महीने के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को होगा। इसलिए प्रति‌वर्ष इस तिथि पर कल्कि जयंती मनाई जाती है। इस बार ये तिथि 25 जुलाई, शनिवार को है।

श्रीमद्भागवत में बताया है कल्कि अवतार के बारे में
ग्रंथों के अनुसार कलियुग के आखिरी दौर में भगवान विष्णु अपना दसवां अवतार कल्कि भगवान के रूप में लेंगे। उनका यह अवतार कलियुग और सतयुग के संधि काल में होगा। यानी जब कलयुग खत्म होगा और सतयुग की शुरुआत होगी। भगवान का ये अवतार 64 कलाओं से पूर्ण होगा। पुराणों के अनुसार भगवान कल्कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण परिवार में जन्म लेंगे। भगवान कल्कि सफेद घोड़े पर सवार होकर पापियों का नाश करके फिर से धर्म की रक्षा करेंगे।इस घटना का वर्णन श्रीमद्भागवत महापुराण के 12वें स्कंद के 24वें श्लोक में है, जिसके अनुसार गुरु, सूर्य और चंद्रमा जब एकसाथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे तो भगवान कल्कि का जन्म होगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान कल्कि का अवतरण लेते ही सतयुग की शुरुआत होगी। भगवान कृष्ण के जाने से कलियुग की शुरुआत हुई थी।

सुख और शांति के लिए पूजा
श्रीमद्भागवत पुराण में लिखा है कि कल्कि अवतार कलियुग की समाप्ति और सतयुग के संधि काल में होगा। इस दिन पूजा करने के लिए ब्रह्ममुहूर्त में उठना चाहिए। इसके बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए। फिर भगवान कल्कि के प्रतिमूर्ति को गंगा स्नान कराने के बाद वस्त्र पहनाएं। इसके बाद पूजा स्थल पर एक चौकी पर स्थापित करें। फिर भगवान कल्कि को जल का अर्घ्य देकर पूजा करनी चाहिए। भगवान कल्कि की पूजा फल, फूल, धूप, दीप, अगरबत्ती से करना चाहिए। इसके बाद आरती के बाद पूजा पूरी करनी चाहिए।

Share this article
click me!