दुर्योधन के परम मित्र थे कर्ण, लेकिन युद्ध में वो 10 दिन तक आए ही नहीं, जानिए क्यों?

महाभारत के प्रमुख पात्रों में से कर्ण भी एक है। कर्ण दुर्योधन का परम मित्र था। दुर्योधन ने कर्ण के भरोसे ही पांडवों से युद्ध करने का निर्णय लिया था।

Asianet News Hindi | Published : Sep 24, 2020 3:50 AM IST

उज्जैन. दुर्योधन ये अच्छी तरह से जानता था कि अर्जुन का कोई मुकाबला कर सकता है तो सिर्फ कर्ण है। लेकिन इसके बाद भी जब कौरवों और पांडवों में युद्ध शुरू हुआ तो 10 दिन बाद कर्ण युद्ध में शामिल हुए। यानी शुरूआत के 10 दिन तक कर्ण कौरवों की सेना में थे ही नहीं। कर्ण ने ऐसा क्यों किया, जानिए…

इसलिए 10 दिन तक युद्ध में शामिल नहीं हुए कर्ण..

Share this article
click me!