पांडवों के पूर्वज थे राजा नहुष, देवताओं ने बनाया था स्वर्ग का अधिपति, लेकिन एक श्राप से बन गए थे अजगर

महाभारत के अनुसार, जिस समय पांडव वनवास में थे, उस समय एक विशाल अजगर ने भीम को जकड़ लिया था। दरअसल वो अजगर और कोई नहीं बल्कि उन्हीं के पूर्वज राजा नहुष थे, जो अगस्त्य ऋषि के श्राप से अजगर बन गए थे।

Asianet News Hindi | Published : Mar 26, 2021 2:30 AM IST

उज्जैन. युधिष्ठिर ने अजगर बने राजा नहुष को श्रापमुक्त किया और वे स्वर्ग चले गए। राजा नहुष अजगर क्यों बने, इसकी कथा इस प्रकार है…

जब देवराज इंद्र हो गए बलहीन
एक बार दुर्वासा ऋषि के अपमान के कारण इंद्र को उनके शाप का भागी बनना पड़ा। दुर्वासा ऋषि के शाप के कारण इंद्र बलहीन हो गए। इंद्र को बलहीन देख दैत्यों ने स्वर्ग में उत्पात मचाना शुरू कर दिया। इंद्र कहीं जाकर छिप गए। इस पर दैत्यों का साहस और बढ़ गया। रोज स्वर्ग पर अलग-अलग तरह से हमले होने लगे। तब अन्य देवताओं ने सप्त ऋषियों से मंत्रणा करके धरती के उस समय के सबसे तेजस्वी राजा नहुष को स्वर्ग का राजा बना दिया।

पराक्रमी राजा थे नहुष
नहुष वीर और प्रतापी थे। उनके प्रभाव से स्वर्ग में फिर शांति हो गई। लेकिन देवराज का पद मिलने के बाद नहुष स्वयं को परम शक्तशाली समझने लगे। उन्होंने इंद्र की पत्नी शचि से कहा कि– अब तुम मुझे अपना पति स्वीकार कर लो। शचि ने मना किया। नहुष उसे तरह-तरह से परेशान करने लगा। तब शचि देवगुरु बृहस्पति के पास गईं, उन्हें सारी बातें बताईं। सप्तऋषि भी नहुष की इस बात से नाराज हो गए।

देवगुरु बृहस्पति ने बताया एक उपाय
शचि की बात सुनकर देवगुरु बृहस्पति ने एक युक्ति सुझाई। उन्होंने शचि से कहा कि- तुम नहुष का प्रस्ताव मान लो और उससे कहो कि अगर वो सप्त ऋषियों को कहार बनाकर खुद उनकी डोली में बैठकर आए तो तुम उसको अपना पति स्वीकार कर लोगी। शचि ने ये सुझाव मान लिया। शचि का संदेश पाकर नहुष खुश हो गयए और सप्तऋषियों को कहार बनाकर स्वयं डोली में बैठ गए।

जब ऋषि ने दिया नहुष को श्राप
वृद्ध होने के कारण सप्तऋषि तेज नहीं चल पा रहे थे। तो नहुष ने अगस्त्य ऋषि को लात मारते हुए तेज चलने को कहा। क्रोधित होकर उन्होंने नहुष को अजगर बनकर धरती पर जाने का श्राप दे दिया। नहुष का उद्धार तब हुआ जब हज़ारों वर्षों बाद पांडवों ने उन्हें इस श्राप से मुक्त करवाया।
 

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